यूक्रेन रूस युद्ध में भीषण बमबारी: पुतिन ने दी है इस प्रस्ताव को मंजूरी, कई देशों को बड़ा नुकसान

Update: 2022-03-21 05:20 GMT

नई दिल्ली: यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) को हमला किए 26 दिन होने को हैं और अभी भी जल्द शांति बहाल होने की उम्मीद नहीं दिख रही है. इस हमले के बाद अमेरिका की अगुवाई में पश्चिमी देशों ने रूस के ऊपर कई कड़े प्रतिबंध (Sanctions On Russia) लगाए हैं. कई मल्टीनेशनल कंपनियां रूस में कारोबार समेट चुकी हैं और कई देश अपना आसमान रूस के विमानों के लिए बंद कर चुके हैं. रूस की अर्थव्यवस्था पर इसका काफी बुरा असर हो रहा है, लेकिन कई मोर्चे पर उसे फायदा हुआ है और अमेरिका व ब्रिटेन जैसे देशों को भारी-भरकम नुकसान उठाना पड़ा है. एविएशन सेक्टर भी इन मोर्चों में से एक है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) ने हाल ही में एक ऐसे प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिससे पश्चिमी कंपनियों को काफी नुकसान हो सकता है. इस प्रस्ताव में कहा गया है कि रूस उन कंपनियों की संपत्तियां जब्त कर नेशनलाइज कर दे, जो वहां से कारोबार समेट कर जा रही हैं. रूस की एयरलाइन कंपनियों (Russian Airline Companies) के पास 500 से ज्यादा ऐसे विमान हैं, जो किसी विदेशी कंपनी के हैं और लीज पर ऑपरेट हो रहे हैं. अब विमान लीज पर देने वाली इन कंपनियों के सामने 12 से 15 बिलियन डॉलर तक के नुकसान का खतरा है.
विमान लीज पर देने वाली सबसे बड़ी कंपनी AerCap को यहां सबसे ज्यादा नुकसान होने वाला है. इस कंपनी के 1000 से ज्यादा विमान करीब 80 देशों में लीज पर चल रहे हैं. इनमें से करीब 150 विमान रूस में हैं. कंसल्टेंसी फर्म ACC Aviation के आंकड़ों के अनुसार, इस कंपनी को अकेले 2.5 बिलियन डॉलर का नुकसान होने वाला है. AerCap की वेबसाइट के अनुसार, Aeroloft, S7 Airlines, Rossiya, Azur Air, Ural Airlines जैसी रूसी विमानन कंपनियां उसकी क्लाइंट हैं. यूरोपीय यूनियन के बैन के बाद AerCap रूसी कंपनियों के साथ कांट्रैक्ट समाप्त करने का ऐलान पहले ही कर चुकी हैं.
इसी तरह आयरलैंड की एक अन्य कंपनी SMBC के भी कई विमान रूस में लीज पर हैं. Cirium के आंकड़ों के अनुसार, रूस में अभी 980 एयरक्राफ्ट सर्विस में हैं. इनमें से 777 विमान लीज पर हैं और 515 ऐसे विमान विदेशी कंपनियों के हैं. इनमें सिंगापुर की कंपनी AOC Aviation और आयरलैंड की एक अन्य कंपनी Avalon के करीब 20-20 विमान रूस में हैं. इन कंपनियों को न सिर्फ लीज समाप्त होने के चलते नियमित आय का नुकसान होगा, बल्कि विमान नहीं लौटाए जाने पर संपत्ति का भी नुकसान होगा.
रूस और यूक्रेन की इस लड़ाई से एविएशन सेक्टर पर व्यापक असर पड़ा है. रूस को अलग-थलग करने के लिए कई देश उसके विमानों के लिए अपना आसमान बंद कर चुके हैं. इसके उत्तर में रूस भी अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की एयरलाइंस के लिए अपना हवाई मार्ग बंद कर चुका है. इसके चलते कई उड़ानों को रास्ता बदलना पड़ा है और उन्हें एक्स्ट्रा चक्कर काटना पड़ रहा है. दूसरी ओर बोइंग और एयरबस जैसी कंपनियों ने भी रूस के साथ कारोबार बंद कर दिया है. इससे रूस के सामने समस्या आएगी कि उसे विमानों के लिए कल-पुर्जे नहीं मिल पाएंगे, जबकि एयरबस और बोइंग जैसी कंपनियों को बिजनेस में कमी की समस्या से दो-चार होना पड़ेगा.
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