दो युवकों ने बनाई कमाल के फीचर्स से लैस पोर्टेबल वेंटिलेटर
पोर्टेबल वेंटिलेटर
जहां कोविड (Covid) ने दुनिया भर में कहर बरपाया है, वहीं इसने निपटने के लिए कई लोग नई तकनीक भी ईजाद कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला श्रीनगर के बुचपोरा इलाके का है, जहां दो इंजीनियर साजिद और जहांगीर ने कम कीमत का वेंटिलेटर बनाया है.
यह वेंटिलेटर न केवल कोविड पॉजिटिव मरीज को ऑक्सीजन प्रदान करेगा बल्कि रिमोट एक्सेस के जरिए ईसीजी, तापमान और ऑक्सीजन सेचुरेशन की निगरानी करने में भी मदद करेगा. यह वेंटिलेटर इंटरनेट से जुड़ा है. इससे डॉक्टर मरीज पर मोबाइल ऐप से निगरानी रख सकते हैं
जहांगीर अहमद कहते है कि कश्मीर में कोविड वेव क दौरान बहुत लोगों की मौत हो गई इसकी एक वजह वेंटीलेटर था. इसी को ध्यान में रखते हुए हमने यह वेंटिलेटर बनाया. इसमें हमने एडिशनल फीचर जोड़े हैं. हमने इसे इंटरनेट के साथ जोड़ा है. इसको रिमोट स्तर पर भी एक्सेस किया जा सकता है. इसमें ईसीजी की सुविधा है. इसमें बॉडी टेंपरेचर और ऑक्सीमीटर भी है. साथ ही एक मोबाइल ऐप के जरिए भी देखा जा सकता है.
सस्ता वेंटिलेटर को बनाने का मुख्य उद्देश्य इसे आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग को सुविधा उपलब्ध कराना है. अब इनोवेटर्स सरकार से इन वेंटिलेटर को विकसित करने में मदद की गुहार लगा रहे हैं ताकि ये बाजार तक पहुंच सकें और जरूरतमंदों को बेचा जा सके.
साजिद नूर कहते है कि इसको हमने स्क्रैप से बनाया है. तालाबंदी के कारण बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा. हमें लगभग 9 महीनों का वक्त लगा. हम चाहते है सरकार अब हमें सहयोग करे ताकि हमें इसको और मॉडिफिकेशन करने में मदद मिले ताकि यह हमारे समाज और हमारे मुल्क के बाजारों में आए ताकि इस कोविड में लोगों को फायदा मिले.
यह वेंटिलेटर कम लागत, किफायती और पोर्टेबल है. रोगियों को हवा देने के अलावा, यह रोगी की सभी जीवित स्थितियों की निगरानी भी कर सकता है, चाहे वह ईसीजी हो, ऑक्सीजन सर्कुलेशन हो, तापमान हो. इसकी कीमत करीब 10-15 हजार रुपये है.
साजिद और जहांगीर दोनों को श्रीनगर में आयोजित ''कोविड ओपन इनोवेशन चैलेंज'' में इस वेंटिलेटर के इनोवेशन के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सम्मानित किया गया. उन्हें उम्मीद है कि सरकार इसके बड़े पैमाने पर उत्पादन में मदद करेगी.