Clubhouse को खरीदने की कोशिश में नाकाम हुआ Twitter, इतने करोड़ डॉलर के ऑफर से भी नहीं बनी बात

क्लबहाऊस की बढ़ती लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए कई तकनीकि कंपनियां इसके एक प्रतिद्वंद्वी ऐप पर काम कर रही हैं

Update: 2021-04-08 14:32 GMT

माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) ने इंवाइट-ओनली ऑडियो चैट ऐप क्लब हाऊस को करीब 400 करोड़ डॉलर में खरीदने का प्रयास किया था लेकिन आखिरकार बात नहीं बनी. मीडिया रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है. टेकक्रंच की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों के बीच यह बातचीत पिछले कई महीनों तक चली लेकिन फिर बाद में इसे जारी नहीं रखा गया. टेकक्रंच ने ही इस वार्तालाप से परिचित एक सूत्र से दोनों कंपनियों बीच हुई बातचीत के होने की पुष्टि की थी.


क्लबहाऊस की बढ़ती लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए कई तकनीकि कंपनियां इसके एक प्रतिद्वंद्वी ऐप पर काम कर रही हैं और ट्विटर ने भी एंड्रॉयड पर स्पेसेस पर काम करना शुरू कर दिया है. ट्विटर का स्पेसेस फिलहाल आईओएस बीटा पर उपलब्ध है, इसे एंड्रॉयड उपकरणों पर लाया जाना अभी बाकी है. फीचर के तहत यूजर्स एक स्पेस का निर्माण कर सकते हैं, जिसमें बातचीत करने के मद्देनजर फॉलोअर्स शामिल हो सकते हैं. ट्विटर पर कोई भी इस हुई बातचीत को सुन सकता है, हालांकि किसे बोलने का मौका मिलेगा इसका कंट्रोल सिर्फ होस्ट के पास होगा.

क्लबहाऊस इस वक्त एपल ऐप स्टोर पर उपलब्ध है और इसे 80 लाख से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है. कंपनी इसके एंड्रॉयड वर्जन पर काम करने में जुटी हुई है. फेसबुक भी क्लबहाऊस की तरह अपने खुद के सोशल ऑडियो ऐप को बनाने के काम में लगा है. यहां तक कि माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाले लिंक्डइन भी इसी समान एक ऐप पर काम कर रहा है.

दूसरी ओर, क्लबहाउस तुलनात्मक रूप से एक नया प्लेटफॉर्म है जो पिछले साल सोशल ऑडियो के तौर में आया था. अपनी शुरुआत के बाद से, ऐप ने एक ग्रुप के बीच लाइव ऑडियो कनवरसेशन का महिमामंडन किया है और इस आइडिया को मशहूर हस्तियों, टेक सीईओ और सामान्य यूजर्स द्वारा समान रूप से लिया गया है.

हालांकि, आगे बढ़ने के लिए ऐप को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है. सोशल मीडिया स्पेस में हर नई सुविधा के साथ, फेसबुक, ट्विटर और लिंक्डइन जैसी तकनीक की बड़ी कंपनियां पहले से ही इस तरह के प्लेटफॉर्म के वर्जन पर काम कर रही हैं. दुनिया भर में इन प्लेटफॉर्म्स के मौजूदा यूजर बेस लाखों में हैं.
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