इस महीने भारत को मिलेगा स्विस बैंक विवरण का तीसरा सेट, पहली बार रियल स्‍टेट संपत्तियों की जानकारी होगी शामिल

भारत को इस महीने स्विट्जरलैंड के साथ सूचना के स्वत: आदान-प्रदान के समझौते के तहत अपने नागरिकों के स्विस बैंक खाते के विवरण का तीसरा सेट मिलेगा।

Update: 2021-09-12 16:21 GMT

नई दिल्‍ली/बर्न। भारत को इस महीने स्विट्जरलैंड के साथ सूचना के स्वत: आदान-प्रदान के समझौते के तहत अपने नागरिकों के स्विस बैंक खाते के विवरण का तीसरा सेट मिलेगा। इसमें पहली बार भारतीयों के स्वामित्व वाली रियल स्‍टटे संपत्तियों के बारे में डेटा शामिल होगा। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी ।

विदेशों में कथित रूप से जमा हुए काले धन के खिलाफ भारत सरकार की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। भारत को इस महीने स्विट्जरलैंड में भारतीयों के स्वामित्व वाले फ्लैट, अपार्टमेंट और सम्मिलित अधिकार के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। साथ ही ऐसी संपत्तियों से होने वाली कमाई पर उन संपत्तियों से जुड़ी कर देनदारियों के बारे में मदद मिलेगी।
यह कदम स्विट्जरलैंड के साथ-साथ यूरोप के अल्पाइन राष्ट्र की ओर से महत्व रखता है। काले धन के लिए कथित तौर पर सुरक्षित आश्रय के रूप में स्विस बैंकिंग प्रणाली के बारे में लंबे समय से चली आ रही धारणा को पुनर्स्थापित करने के लिए एक प्रमुख वैश्विक वित्तीय केंद्र कड़ी मेहनत कर रहा है। यह तीसरी बार होगा जब भारत को स्विट्जरलैंड में भारतीयों द्वारा रखे गए बैंक खातों और अन्य वित्तीय संपत्तियों के बारे में विवरण मिलेगा। यह पहली बार होगा, जब भारत के साथ साझा की जा रही जानकारी में रियल स्‍टटे की संपत्ति के बारे में जानकारी शामिल होगी।
बैंक के अधिकारी ने कहा स्विस सरकार रियल स्‍टेट की संपत्ति का विवरण साझा करने के लिए सहमत हो गई है। गैर लाभकारी संगठनों और ऐसी अन्य फाउंडेशन में योगदान के बारे में जानकारी के साथ ही डिजिटल मुद्राओं में निवेश का विवरण अभी भी सूचना ढांचे के स्वचालित आदान-प्रदान से बाहर है।
विशेषज्ञों और स्विट्जरलैंड में निवेश आकर्षित करने के कारोबार में लगे लोगों ने कहा कि इस कदम से स्विस संपत्तियों में सभी फंडों के अवैध होने के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने में मदद मिलेगी और रियल एस्टेट संपत्तियों सहित स्विट्जरलैंड को पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने में काफी मदद मिलेगी।
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