ये है घर खरीदने की सही उम्र! होगी 1 करोड़ रुपये की बचत, जरूर जान लें बचत का तरीका
वहीं कोरोना ने महंगाई बढ़ाई है. इससे कंस्ट्रक्शन मटैरियल की कीमतें बढ़ी हैं और आने वाले समय में भी बढ़ेंगी. इससे लोगों के मन में यह बड़ा सवाल है कि वे घर कब खरीदें.
रिश्ता से रिश्ता वेबडेस्क। Right Age To Buy House: अपने घर (Home) का सपना कभी पुराना नहीं होता. हर व्यक्ति अपना घर खरीदने के लिए खासी जद्दोजहद करता है. कोरोना काल में तो घर खरीदने की मांग जमकर रही. वहीं कोरोना ने महंगाई बढ़ाई है. इससे कंस्ट्रक्शन मटैरियल की कीमतें बढ़ी हैं और आने वाले समय में भी बढ़ेंगी. इससे लोगों के मन में यह बड़ा सवाल है कि वे घर कब खरीदें.
वित्तीय हालात भी हैं अहम
वैसे तो यह व्यक्ति के वित्तीय हालात तय करते हैं कि वह कब घर खरीदे. डाउन पेमेंट से लेकर मोटी EMI तक चुकाने के लिए अच्छी-खासी फायनेंशियल प्लानिंग की जरूरत होती है. लेकिन विशेषज्ञ घर खरीदने की सही उम्र के बारे में बताते हैं. यदि इस उम्र में घर खरीद लिया जाए तो व्यक्ति को कई बड़े फायदे मिलते हैं.
25 से 30 की उम्र में मिलता है सबसे ज्यादा फायदा
आर्थिक क्षेत्र के जानकार कहते हैं कि यदि व्यक्ति 25 की उम्र में घर खरीदने के लिए सक्षम है, तो इससे बेहतर कोई चीज नहीं हो सकती है. फिर भी लोग आमतौर पर 40 की उम्र तक में भी होम लोन (Home Loan) लेकर घर खरीदते हैं. लेकिन घर खरीदने की सही उम्र की बात करें तो 25 से 30 साल के बीच की उम्र सबसे सही है. इससे वह होम लोन पर सबसे ज्यादा फायदा उठा सकता है.
बचेंगे एक करोड़ रुपये
यदि व्यक्ति सामान्य किराए वाले घर में रहता है और सालाना करीब डेढ़ लाख रुपया किराया (12000 से 13000 रुपये महीने) भरता है तो 30 साल में वह ढाई करोड़ रुपए किराए में दे देगा. जबकि वो 25 से 30 साल की उम्र में 30 से 40 लाख रुपये का भी घर या फ्लैट खरीद ले तो वह 7.5 फीसदी के सालाना ब्याज पर हर महीने 30 से 40 हजार रुपये ईएमआई देनी होगी. इस तरह किराए और ईएमआई की कुल रकम में करीब 1 करोड़ रुपये का अंतर होगा. यानी कि उसे सीधा सीधा 1 करोड़ रुपये का फायदा होगा.
टैक्स में भी छूट
इसके अलावा व्यक्ति को होम लोन की EMI पर 1.5 लाख रुपये तक की कर में भी छूट मिल जाएगी. इसके अलावा वह धारा 24बी के तहत होम लोन के ब्याज पर सालाना 2 लाख रुपये की बचत पा सकता है. यानी कि जितना जल्दी होम लोन लेंगे, उतनी ज्यादा टैक्स की छूट ले पाएंगे. बाद में बढ़ते परिवार की जिम्मेदारी आप पर ईएमआई का अतिरिक्त बोझ भी नहीं डालेगी.