Mutual Fund में SIP करने के ये तीन फॉर्मूले हैं जबरदस्त, फॉलो करें टिप्स
म्यूचुअल फंड में एसआईपी (Systematic Investment Plan) के जरिए निवेश करने में समय का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है. मार्केट की उठापठक के बावजूद अगर कोई हर महीने निश्चित रकम का निवेश करता रहता है तो उसके म्यूचुअल फंड में नेट असेट वैल्यू में बढ़ोतरी होती रहती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अगर आपके पास पैसों की कमी नहीं है और हर महीने एक अच्छी खासी रकम का निवेश कर सकते हैं तो 15 सालों में ही करोड़पति बन सकते हैं. वहीं इस खास फॉर्मूले से निवेश करने पर आप 30 साल निवेश कर 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम हासिल कर सकते हैं. इसके लिए आपको म्यूचुअल फंड के तीन फॉर्मूलों को अपनाना होगा. आइए जानते हैं इन फॉर्मूले को.
म्यूचुअल फंड में एसआईपी (Systematic Investment Plan) के जरिए निवेश करने में समय का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है. मार्केट की उठापठक के बावजूद अगर कोई हर महीने निश्चित रकम का निवेश करता रहता है तो उसके म्यूचुअल फंड में नेट असेट वैल्यू में बढ़ोतरी होती रहती है.
यह है वो निवेश का पहला फॉर्मूला
निवेश सलाहकार बलवंत जैन ने कहा कि म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए दो तरह के फॉर्मूले हैं. पहला फॉर्मूला है 15*15*15. इस फार्मूले के हिसाब से अगर कोई व्यक्ति हर महीने 15 हजार रुपये का निवेश 15 सालों के लिए 15 फीसदी रिटर्न के हिसाब से करता है तो फिर उसके पास करीब 1.02 करोड़ रुपये का फंड इकठ्ठा हो जाएगा.
ये है निवेश का दूसरा फॉर्मूला
इसके अलावा निवेश का दूसरा फॉर्मूला है 15*15*30. इस फॉर्मूले के हिसाब से अगर कोई व्यक्ति हर महीने 15 हजार रुपये 30 सालों के लिए 15 फीसदी रिटर्न के हिसाब से निवेश करता है तो फिर उसके पास 10.51 करोड़ रुपये का फंड आ जाएगा. इस दौरान वो 54 लाख रुपये का निवेश करेगा और रिटर्न बढ़कर के 9.97 करोड़ रुपये हो जाएगा.
कोई भी व्यक्ति म्यूचुअल फंड में जितनी ज्यादा एसआईपी लंबे वक्त के लिए करेगा उसको उतना ही फायदा मिलेगा. हालांकि प्रत्येक व्यक्ति अपनी सुविधा और अवधि व आय के हिसाब से ऐसा निवेश करके रिटर्न कमाना चाहिए.
पांच साल की देरी से हो सकता है बड़ा नुकसान
कोई 25 साल का इन्वेस्टर एसआईपी में निवेश शुरू करने में और पांच साल की देरी कर देता है तो कैसे कमाई पर इसका बड़ा असर होता है, इसे हम कैलकुलेशन के आधार पर समझ सकते हैं. कैलकुलेशन के लिए मान लिया वह इन्वेस्टर 30 साल की उम्र में हर महीने 5000 रुपये डालना शुरू करता है और यह 25 साल तक निवेश करता रहता है. ऐसे में औसतन 12 प्रतिशत रिटर्न के आधार पर मेच्योरिटी के समय उसे कुल राशि 84,31,033 रुपये मिलती है. इस समय उस इन्वेस्टर की उम्र 55 साल होगी.
अगर वह इन्वेस्टर 25 साल की उम्र में ही एसआईपी में पैसे डालना शुरू कर देता तो पूरा पीरियड 30 साल की हो जाती. यानी निवेश 25 साल की जगह 30 साल के लिए हो जाती. और तब उसे औसतन 12 फीसदी रिटर्न के आधार पर मेच्योरिटी के समय उसे कुल राशि 1,52,60,066 रुपये मिल जाते.
अब इस कैलकुलेशन को गौर से समझें तो पाते हैं कि 25 साल की उम्र में निवेश शुरू करने पर उसे 68 लाख रुपये (68,29,033 रुपए) एक्स्ट्रा मिलते जो 30 साल की उम्र में निवेश शुरू करने के चलते नहीं मिले. हालांकि आप यह बड़ी राशि पा सकते हैं लेकिन फिर आपको 60 साल की उम्र तक इंतजार करना होगा.