खाद्य तेलों की कीमतों में लगी आग, बीते 1 सालों में इतने बढ़ गए दाम, अब सरकार ने उठाया यह कदम

खाद्य मामलों के मंत्रालय ने बताया है कि अलग-अलग खाने के तेलों के दाम में कितनी बढ़ोतरी हुई है.

Update: 2021-10-11 02:36 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। खाद्य मामलों के मंत्रालय ने बताया है कि अलग-अलग खाने के तेलों के दाम में कितनी बढ़ोतरी हुई है. मंत्रालय ने पिछले 1 साल का आंकड़ा दिया है. मंत्रालय के मुताबिक सोया तेल की औसत कीमत 6 अक्टूबर को 154.95 रुपये दर्ज की गई. इस साल का यह दाम पिछले साल के भाव 106 रुपये प्रति लीटर से 46.15 प्रतिशत ज्यादा है. यानी एक साल में ही उपभोक्ताओं को सोया तेल पर 46 प्रतिशत ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है. लगभग यही हाल सभी तेलों का है.

सोया तेल से थोड़ा ही पीछे सरसों तेल है और इसकी कीमतों में 43 फीसदी का इजाफा देखा गया है. अभी बाजार में एक किलो सरसों तेल का भाव 184.43 रुपये है जबकि एक साल पहले यह भाव 129.19 रुपये था. वनस्पति के दाम में 43 परसेंट की बढ़ोतरी देखी गई है. अभी इसका भाव 136.74 रुपये प्रति किलो है जबकि एक साल पहले यह दर 95.5 रुपये प्रति किलो थी.
सूरजमुखी तेल के भाव में 38.48 परसेंट की वृद्धि देखी गई है. यह फुटकर बिक्री का आंकड़ा है. 9 अक्टूबर को एक किलो सूरजमुखी तेल का दाम 170.09 रुपये दर्ज किया गया जबकि साल भर पहले यह 122.82 रुपये था. पाम तेल के भाव में 38 परसेंट की बढ़ोतरी देखी गई है. साल भर पहले प्रति किलो पाम तेल की कीमत 95.68 रुपये थी जो आज बढ़कर 132.06 रुपये पर पहुंच गई है. भारत अपनी कुल खपत का 60 परसेंट खाद्य तेल आयात करता है.
सरकार ने ये उठाया है कदम
सरकार ने घरेलू बाजार में कीमतों में नरमी के लिए रविवार को खाद्य तेलों के व्यापारियों पर 31 मार्च तक स्टॉक या स्टोरेज की सीमा लगा दी है. हालांकि, कुछ आयातकों-निर्यातकों को इससे छूट दी गई है. एनसीडीईएक्स प्लेटफॉर्म पर आठ अक्टूबर से सरसों तेल के वायदा कारोबार पर पहले ही रोक लगा दी गई है. सभी राज्यों को जारी आदेश के अनुसार, राज्य सरकारें और संघ शासित प्रदेश उपलब्ध स्टॉक और खपत के आधार पर खाद्य तेलों और तिलहनों के भंडारण की सीमा पर फैसला करेंगे. हालांकि, कुछ आयातकों और निर्यातकों को स्टॉक की सीमा से छूट दी गई है.

यह छूट उन निर्यातकों को होगी जिनके पास विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से जारी आयातक-निर्यातक कोड होगा और वे यह बता सकेंगे कि उनके पास पूरा या कुछ स्टॉक निर्यात के लिए है. मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा ऐसे आयातकों को इससे छूट मिलेगी जो यह बताने में सक्षम होंगे कि खाद्य तेलों और तिलहनों के स्टॉक का कुछ हिस्सा आयात किया गया है.

पोर्टल पर देनी है स्टॉक की जानकारी
अगर किसी कंपनी या व्यापारी के पास स्टॉक लिमिट से ज्यादा तेल-तिलहन है तो इसकी जानकारी केंद्र सरकार के पोर्टल https://evegoils.nic.in/EOSP/login पर देना होगा. यह खाद्य और जनवितरण विभाग का पोर्टल है. किसी भी व्यापारी या कंपनी को स्टॉक लिमिट से ज्यादा तेल-तिलहन रखने की छूट नहीं दी गई है. राज्यों से कहा गया है कि वे केंद्र सरकार के पोर्टल पर लगातार इस बात का अपडेट देते रहें कि उनके यहां तेल-तिलहन का कितना स्टॉक है.

दुनिया में महंगे हुए तेल के दाम
खाद्य मंत्रालय का कहना है कि वैश्विक बाजार में तेल-तिलहन के भाव में बड़ी तेजी का असर घरेलू बाजारों में भी दिख रहा है. हालांकि सरकार ने आवश्यक वस्तुओं जैसे कि खाद्य तेलों के दाम पर नियंत्रण रखने के लिए कई कदम उठाए हैं. आयात शुल्क में छूट और आयात बढ़ाने की मंजूरी के साथ स्टॉक लिमिट का नियम इसमें शामिल है. सरकार ने आयात शुल्क के तौर-तरीकों में बड़ा बदलाव किया है, एक वेब पोर्टल लॉन्च किया गया है जहां कंपनियां और व्यापारी स्वेच्छा से अपनी स्टॉक लिमिट की जानकारी दर्ज कर सकेंगे. इससे तेल-तिलहन के बाजार में पारदर्शिता लाने की कोशिश की गई है.


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