पैसे की हो गई है किल्लत तो आधार कार्ड का इस्तेमाल करके आप पर्सनल लोन अप्लाई कर सकते हैं, जानें पूरा नियम
अब आपको आपके फोन पर ही सभी बैंकों का ब्याज दर, एलिजिबली टेस्ट और सार्वाधिक पर्सनल लोन की जानकारी मिल जाएगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नई दिल्लीः अब आप घर बैठे लोन पा सकते हैं। वो भी डिजिटल तकनीक से। इसकी बदौलत आसान से पर्सनल लोन मिल जाता है। पहले लोन लेने के लिए कई दिनों तक का इंतजार करना पड़ता था। अचानक कुछ रुपये की जरूरत पड़ गई, तो लोग ऐसे लोगों को ढूंढते थे, जो उन्हें उधार दे सकें। अब बिना किसी फिक्र के, बिना दफ्तर से छुट्टी लिए बस 24-48 घंटे में पर्सनल लोन ले सकते हैं। अब आपको आपके फोन पर ही सभी बैंकों का ब्याज दर, एलिजिबली टेस्ट और सार्वाधिक पर्सनल लोन की जानकारी मिल जाएगी।
आधार कार्ड से मिल जाती है बैंक को जानकारी
पहले लोगों को इसके लिए बैंकों के चक्कर लगाने पड़ते थे। तब जाकर कहीं बेहतर रेट मिलता था। अब आप ऑनलाइन ही आवेदन कर सकते हैं। बैंक बस आपके आधार कार्ड का इस्तेमाल करके आपकी पहचान कर लेगा। कुछ डॉक्यूमेंट्स और डिटेल्स आपको ऑनलाइन ही भरना होता है। उसके बाद आपके खाते में ऑनलाइन ही रुपए ट्रांसफर हो जाएंगे। अब बैंक इसके लिए केवाईसी को भी अनिवार्य करता है।
केवाईसी कराना होगा अनिवार्य
अब केवाईसी के बारे में आपको अगर पता नहीं है, तो हम आपको बताते हैं। केवाईसी का अर्थ है अपने ग्राहक को जानें (Know Your Customer)। यह वित्तीय संगठनों को वित्तीय अपराधों, मनी लांड्रिंग और उचित ग्राहक पहचान कर इससे निपटने में सहायता करता है। इसे 2004 में लागू किया गया था। भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों और वित्तीय संगठनों के लिए ग्राहक सत्यापन अनिवार्य कर दिया था। जब आप पर्सनल लोन के लिए आवेदन करते हैं तो आपका बैंक आपकी पहचान सत्यापित करने के लिए इसका उपयोग करता है।
आधार कार्ड से मिल जाती है सारी जानकारी
आईडी कार्ड वेरिफिकेशन, फेस वेरिफिकेशन, एड्रेस वेरेफिकेशन और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन सभी केवाईसी में शामिल होते हैं। इस कारण बैंकों को कोई परेशानियां नहीं होती हैं। जानकारी दें कि आपका आधार कार्ड वह कागजी कार्रवाई है, जो बैंक को आपके बारे में सारी जानकारी की जांच करने की अनुमति दे देता है। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने के कारण इसे केवाईसी के नाम से जाना जाता है। अपने आधार कार्ड का इस्तेमाल करके पर्सनल लोन के लिए आवेदन करने से पहले अपनी योग्यता का मूल्यांकन करना चाहिए। इसे सीबिल स्कोर चेक करना भी कहते हैं।