रिलायंस कैपिटल की रिजॉल्यूशन प्रक्रिया की समयसीमा दो महीने बढ़ाई गई, सामने आई ये बड़ी वजह
रिलायंस कैपिटल की रिजॉल्यूशन प्रक्रिया
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Reliance Capital (आरसीएल) के अधिग्रहण की कवायद को बोलीदाताओं की ओर से मिली ठंडी प्रतिक्रिया को देखते हुए कंपनी के लेनदारों ने समाधान प्रक्रिया की समयसीमा दो महीने के लिए बढ़ाकर दो नवंबर कर दी है। यह समयसीमा पहले ही तीन जून से 90 दिन बढ़ाकर दो सितंबर 2022 की गई थी। कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) ने आरसीएल की समाधान प्रक्रिया के लिए इसे दूसरी बार बढ़ाया है। दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के नियमों के मुताबिक प्रशासक को आरसीएल का समाधान 180 दिन के भीतर यानी तीन जून तक निकालना था। इसके अलावा सीओसी ने संभावित बोलीदाताओं की ओर से समाधान योजना जमा करवाने की अंतिम तारीख भी 20 जून के बजाए अब 11 जुलाई कर दी है।
बोलीदाताओं ने और वक्त मांगा था
सूत्रों ने बताया कि कर्ज समाधान योजना की समयसीमा इसलिए बढ़ाई गई क्योंकि कुछ संभावित बोलीदाताओं ने प्रशासक को पत्र लिखकर कुछ और वक्त देने का अनुरोध किया था। उन्होंने बताया कि पीरामल एंटरप्राइजेज ने इसे 10 अगस्त और इंडसइंड बैंक ने 15 जुलाई करने का अनुरोध किया था। हालांकि सूत्रों का यह भी कहना है कि यह फैसला बोलीदाताओं की ठंडी प्रतिक्रिया को देखते हुए लिया गया है। शुरुआत में करीब 54 रुचि पत्र मिले थे जिनमें से महज गिनेचुने बोलीदाताओं ने ही प्रशासक से संपर्क किया है। भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से नियुक्त प्रशासक ने इस साल फरवरी में आरसीएल की बिक्री के लिए रुचि पत्र आमंत्रित किए थे।
खरीदने की दौड़ में 54 कंपनियां
कर्ज के बोझ से दबी अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण की दौड़ में 54 कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों में अडाणी फिनसर्व, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, टाटा एआईजी, एचडीएफसी एर्गो और निप्पन लाइफ इंश्योरेंस शामिल हैं। इस बीच, शुक्रवार को कारोबार के अंत में रिलायंस कैपिटल का शेयर भाव लाभ के साथ 12.45 बंद हुआ।