केंद्रीय सरकार ने दी फिर से झटका, इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरने पर महंगा पड़ेगा जुर्माना

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आई-टी रिटर्न दाखिल करने के लिए नियत तारीखों के और विस्तार की प्रतीक्षा कर रहे सभी करदाताओं की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.

Update: 2021-01-12 11:04 GMT

जनता से रिश्ता बेवङेस्क| केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आई-टी रिटर्न दाखिल करने के लिए नियत तारीखों के और विस्तार की प्रतीक्षा कर रहे सभी करदाताओं की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. सीबीडीटी ने साफ कर दिया है कि रिटर्न भरने की समयसीमा को और नहीं बढ़ाया जा सकता है. इससे कर विभाग की कार्यप्रणाली और सरकार के कल्याणकारी कार्यक्रम में बाधा उत्पन्न हो सकती है.

सरकार के इस फैसले का मतलब है कि व्यक्तिगत करदाता जो रिटर्न भरने के लिए 10 जनवरी की समय सीमा से चूक गए हैं, उन्हें अब इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जुर्माना भरना होगा. इसी तरह, जिन करदाताओं को रिटर्न दाखिल करने से पहले ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करनी होगी, उन्हें 15 जनवरी तक ऐसा करना होगा.

31 मार्च तक डेडलाइन बढ़ाने की मांग

आयकर विभाग ने रिटर्न भरने की तारीखों को आगे बढ़ाने के लिए कई सुझाव मिले थे. क्योंकि कोरोना महामारी की वजह से व्यवधान के कारण समस्याएं पैदा हो रही थीं. यह सुझाव था कि सभी श्रेणियों के करदाताओं के लिए तारीखों को बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया जाए.सीबीडीटी ने यह भी कहा कि भारत अन्य वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अधिक उदार रहा है.

बढ़ी रिटर्न भरने वालों की संख्या

इसके अलावा, इस साल दाखिल किए गए रिटर्न के आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि संख्या पिछले साल की तुलना में अधिक है. 2019-20 में करीब 5.62 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए गए थे और इस वर्ष (2020-21) 10 जनवरी तक पहले से ही 5.95 आईटीआर दायर किए गए हैं.

आगे नहीं बढ़ेगी तारीख

सीबीडीटी ने अपने आदेश में कहा कि आगे कोई भी विस्तार रिटर्न फाइलिंग अनुशासन पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा और उन लोगों के साथ अन्याय होगा, जिन्होंने समय से पहले रिटर्न फाइल किया है. सीबीडीटी ने कहा है कि डेडलाइन को आगे बढ़ाने से कोविड के समय में गरीबों को राहत देने के सरकार के प्रयासों में भी बाधा आएगी.

 

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