कुंवर सचदेव की सक्सेस स्टोरी,कभी बसों में बेचते थे पेन, आज है करोड़ों का बिज़नेस

Update: 2024-03-13 03:04 GMT
नई दिल्ली : सफलता की कहानी हमेशा दूसरों को प्रेरित करने के लिए होती है। हालांकि, किसी भी सफल व्यक्ति के पीछे असफलता के तमाम पड़ाव होते हैं, जिन्हें संघर्ष के साथ पार करते हुए वह सक्सेस की सीढ़ियों पर चढ़ पाता है। ऐसा कहा जाता है कि आपकी किस्मत कब बदल जाए, यह कोई नहीं जानता। ऐसा ही कुछ कमाल कुंवर सचदेव की किस्मत ने कर दिखाया है। बता दें कि पहले बार पैसे कमाने के लिए वह गली-गली में घूम कर पेन बेचा करते थे, लेकिन एक दिन अचानक उन्हें आइडिया आया और बहुत ही छोटी पूंजी लगाकर उन्होंने एक बिजनेस की शुरुआत की, जो आज भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में कारोबार कर रहा है। तो चलिए आज का आर्टिकल में हम आपको कुंवर सचदेव की सक्सेस स्टोरी बताएंगे…
रेलवे क्लर्क थे पिता जी
बता दें कि सचदेव के पिता रेलवे क्लर्क थे, लेकिन पहले पैसे नहीं होने के कारण उनका बचपन तंगी से गुजरा है। प्राइवेट स्कूल में उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा ग्रहण की पर पैसों की कमी के कारण बाद में उन्हें सरकारी स्कूल में पढ़ाई करनी पड़ी। इसके लिए भी उन्हें घर-घर जाकर पेन बेचना पड़ता था। इससे जुटाए हुए पैसों से वह फीस भरा करते थे। इस दौरान बाकि बच्चों की तरह ही ख्वाब देखा था कि वह बड़े होकर डॉक्टर बनेंगे। इसके लिए उन्होंने मेडिकल प्रवेश परीक्षा भी दी, जिसमें वह सफल नहीं हो पाए थे।
पढ़ाई के दौरान बेचा पेन
केवल इतना ही नहीं, ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान सचदेव ने केबल कम्युनिकेशन कंपनी में मार्केटिंग का काम किया। यहां उन्होंने अनुभव किया कि इस बिजनेस में काफी ज्यादा ग्रंथ है। इसलिए उन्होंने खुद के बिजनेस को तैयार करने की ठानी और सू-कम कम्युनिकेशन नामक कंपनी की स्थापना की। इस दौरान भी उन्होंने अपनी मेहनत को बंद नहीं किया। तभी वह एक ऐसे घर में पहुंचे, जहां एक खराब इनवर्टर को देखा आया था। जिसके बाद साल 1998 में उन्होंने अपनी कंपनी का नाम बदलकर सू-कैम पॉवर सिस्‍टम रख दिया। बता दें कि इस कंपनी में सोलर के विभिन्न प्रोडक्ट बनाए जाते हैं, जिसकी मांग देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में है। उनकी क्वालिटी काफी अच्छी होती है, क्योंकि उन्होंने प्रोडक्ट की क्वालिटी पर ज्यादा फोकस किया।
कुंवर सचदेव की नेट वर्थ
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कुंवर सचदेव की कंपनी का टर्नओवर लगभग 23,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का है। उनके प्रोडक्ट की कैपेसिटी 10 घंटे से अधिक की है। जिसका इस्तेमाल आज लाखों घरों में किया जा रहा है। करोड़ों की कंपनी के मालिक होने के बावजूद वह बेहद साधारण जीवन जीते हैं। आज उनकी कंपनी में 100 से ज्यादा वर्कर्स कम कर रहे हैं, जिन्हें वह परिवार की तरह मानते हैं। उनकी कामयाबी केसर वह अपने परिवार को देते हैं, वह नहीं चाहते जैसे उनका बचपन बीता है बाकी असहाय बच्चों का जीवन भी वैसे ही व्यतीत हो। सूत्रों के अनुसार, वह अनाथ आश्रम के बच्चों को भी मदद पहुंचाते हैं। उनकी सफलता की कहानी आज के युवाओं को काफी प्रेरित करती है।
करें जी तोड़ मेहनत
इस प्रेरणादायक कहानी से यह सीख मिलती है कि इंसान की किस्मत कभी भी बदल सकती है। इसके लिए उन्हें जी तोड़ मेहनत करना है। इसके साथ ही इमानदारी भी बहुत महत्व रखती है। आजकल लोग अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए नई-नई कंपनी बना रहे हैं, जिसमें वह निवेश भी बहुत पैसे करते हैं। कई बार उनकी कंपनी मल्टीनेशनल कंपनी को टक्कर देती है, तो कई बार उनका कारोबार डूब जाता है। ऐसे में जरूरत है कि वह ऐसे लोगों की सलाह लें, जो उन्हें बिजनेस में अच्छे आइडियास दे सके। क्योंकि लोगों के अलग-अलग दिमाग काफी सफल बिजनेस की कड़ी होती है।
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