SpiceJet ने हाई कोर्ट के फैसले को दी है चुनौती, SC से आई ये राहत वाली खबर
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एयरलाइंस भुगतान विवाद में शुक्रवार को बजट एयरलाइन SpiceJet को बड़ी रिलीफ दी. कोर्ट ने एयरलाइंस को बंद करने के मद्रास हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ SpiceJet द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले को तीन हफ्ते बाद लिस्ट करने को कहा. SC ने इसके साथ ही एयरलाइन को बंद करने के फैसले पर भी तीन हफ्ते के लिए स्टे लगा दिया है.
सुनवाई के दौरान SC ने कही ये बातें
SpiceJet को बंद करने के मद्रास हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ एयरलाइन की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. SpiceJet ने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से तीन हफ्ते का समय मांगा. Airline ने कहा, "हम इसके समाधान के लिए रास्ता निकालने में लगे हैं."
इस पर भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने कहा, "अगर आप एयरलाइन नहीं चलाना चाहते हैं तो हम आपको इंसॉल्वेंट घोषित कर देंगे. यह एयरलाइन चलाने का कोई तरीका नहीं है."
SpiceJet की ओर से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने कहा, "हम कुछ लेकर आएंगे, हमारे दिमाग में कुछ चल रहा है." इस पर वरिष्ठ अधिवक्ता केवी विश्वनाथन ने कहा, "यह ऑफर बताने के लायक भी नहीं है."
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई और फैसले पर अमल को तीन हफ्तों के लिए टाल दिया.
स्पाइसजेट ने दिया बयान
इसी बीच स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा है, "सुप्रीम कोर्ट ने स्पाइसजेट और Credit Suisse के एक सेटलमेंट तक पहुंचने के लिए स्पाइसजेट के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट के फैसले पर शुक्रवार को स्टे लगा दिया. मामले को सुलझाने के लिए दोनों पक्ष की बातचीत एडवांस स्टेज में है."
मद्रास हाई कोर्ट ने सुनाया था यह फैसला
मद्रास हाईकोर्ट के एकल जज की पीठ ने क्रेडिट सुइस एजी (Credit Suisse AG), स्विट्जरलैंड स्थित स्टॉक कॉरपोरेशन और एक लेनदार द्वारा दायर एक कंपनी याचिका पर फैसला सुनाते हुए 7 दिसंबर, 2021 को स्पाइसजेट लिमिटेड को बंद करने का आदेश दिया था. हालांकि इस आदेश को फिर दो हफ्ते के लिए टाल दिया गया था. इसके बाद स्पाइसजेट ने डिवीजन बेंच में अपील की जिसमें 11 जनवरी को स्पाइसजेट की अपील खारिज करते हुए आदेश पर अमल को 28 जनवरी तक के लिए टाल दिया. इसके बाद एयरलाइन ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
जानिए क्या है मामला
Spicejet पर Credit Suisse AG ने आरोप लगाया है कि एयरलाइन कर्जे चुकाने में असमर्थ है. यह विवाद करीब 180 करोड़ के बकाये से संबंधित है और करीब एक दशक से चला आ रहा है. वहीं, एयरलाइन ने एयरक्राफ्ट के मेंटेनेंस, रिपेयर और अन्य सर्विसेज के लिए स्विटजरलैंड की SR Technics के साथ एक करार किया था. इन दोनों पक्षों ने 2021 में एक सप्लीमेंट एग्रीमेंट किया था, जिसके अनुसार उन्हें SR Technics के बिल का भुगतान करना था. SR Technics ने बिल, एक्सचेंज के सात कॉरेस्पॉन्डिंग बिल और डेट का Acknowledgement रेज किया था. इस मुद्दे पर बाद में हाई कोर्ट में गतिरोध देखने को मिला था.