महंगाई के मोर्चे पर थोड़ी राहत, सितंबर में सस्ती हुई खाने-पीने की चीजें, जानिए

सितंबर महीने में थोक महंगाई दर छह महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई. सितंबर में WPI 10.66 फीसदी रहा, जबकि रिटेल इंफ्लेशन पांच महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया. सितंबर में खुदरा महंगाई 4.4 फीसदी रही.

Update: 2021-10-15 05:40 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महंगाई के मोर्चे पर सितंबर महीने में राहत भरी खबर आई है. सितंबर में थोक महंगाई दर घटकर छह महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई. यह 10.66 फीसदी रही. अगस्त के महीने में थोक महंगाई दर 11.4 फीसदी रही थी. सितंबर के महीने में थोक महंगाई दर में गिरावट आई, क्योंकि फूड इंफ्लेशन में गिरावट दर्ज की गई. हालांकि, खाने के तेल, पेट्रोल-डीजल और कुकिंग गैस में अभी भी तेजी बनी हुई है.

अप्रैल के बाद सितंबर में थोक महंगाई दर सबसे कम है. अप्रैल में यह दर 10.74 फीसदी थी. सितंबर 2020 में थोक महंगाई दर 1.32 फीसदी रही थी. थोक महंगाई दर में यह कमी खुदरा महंगाई दर के अनुरूप है. सितंबर में खुदरा महंगाई दर 4.4 फीसदी रही जो पांच महीने का निचला स्तर है.
फूड इंफ्लेशन में लगातार आई गिरावट
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'पिछले वर्ष के इसी महीने के मुकाबले सितंबर 2021 में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से खनिज तेलों, मूल धातुओं, गैर-खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस, रसायनों और रासायनिक उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है.' खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति में लगातार पांचवें महीने कमी हुई.
सब्जियां सस्ती लेकिन दलहन में तेजी
इस दौरान सब्जियां सस्ती हुईं, हालांकि दलहन में तेज बनी रहीं. ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति सितंबर में 24.91 प्रतिशत थी, जो इससे पिछले महीने 26.09 प्रतिशत थी. कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की कीमतों में सितंबर में 43.92 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो इससे पिछले महीने में 40.03 प्रतिशत थी. विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति इस दौरान 11.41 प्रतिशत रही.


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