SEBI : अब Finfluencers रजिस्टर्ड एंटिटी के साथ काम नहीं कर पाएंगे

Update: 2024-06-28 05:40 GMT
New Delhi: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने गुरुवार को फिनफ्लुएंसर (Finfluencer) के नियमों को मंजूरी दी। इसमें ब्रोकर जैसे रेगुलेटेड (Regulate) संस्थानों को उनके साथ काम करने से मना किया गया है। यह फैसला SEBI की एक बोर्ड बैठक में लिया गया था। एक प्रेस ब्रीफिंग में SEBI प्रमुख माधवी पुरी बुच ने कहा कि बाजार से संबंधित सलाह देने वाले अनरेगुलेटेड एंटिटी अवैध तरीके से काम कर रहे हैं। SEBI ने कहा, 'रजिस्टर्ड संस्थाओं और उनके एजेंटों को सेबी की अनुमति के बिना वित्तीय सलाह देने वाले या प्रदर्शन संबंधी दावे करने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ने से प्रतिबंधित किया गया है। रजिस्टर्ड एंटिटीज की जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि उनके सहयोगी ऐसी प्रतिबंधित गतिविधियों में शामिल न हों।
डिजिटल प्लेटफॉर्म (Digital platform) के माध्यम से निवेश, व्यक्तिगत वित्त और रियल एस्टेट जैसे विषयों पर सलाह देने वाले फिनफ्लुएंसर ने अपने फॉलोअर्स (Followers) के वित्तीय निर्णयों पर महत्वपूर्ण प्रभाव हासिल किया है। इसने निवेशकों को गुमराह करने के कई मामलों को भी जन्म दिया है। कुछ फिनफ्लुएंसर ने अधिक ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ब्रोकर और म्यूचुअल फंड (Mutual fund) के साथ साझेदारी भी की है, जो अक्सर अनैतिक या अवैध होते है।
नकद देने की अनुमति- permission to pay cash
इसके अलावा, रेगुलेटर ने SEBI रजिस्टर्ड निवेश सलाहकारों (IAS) और रिसर्च एनालिस्ट (RAS) द्वारा अपने ग्राहकों से शुल्क लेने के लिए एक इकोसिस्टम बनाने का फैसला किया है। यह इकोसिस्टम निवेशकों को यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि उनके भुगतान केवल रजिस्टर्ड IAS और RAs तक ही पहुंच रहे हैं। यह निवेशकों को अनरजिस्टर्ड संस्थाओं की पहचान करने और उनसे दूर रहने में भी मदद करेगा। इसके अलावा निवेश होल्डिंग कंपनियों (IHCs) को अब निवेशकों को आनुपातिक आधार पर शेयर वितरित करने की अनुमति होगी। उन्हें अनलिस्टेड कंपनियों और भूमि /अचल संपत्ति के बदले नकद देने की भी अनुमति होगी।
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