17 कंपनियों पर लगाया गयाथा 1.10 लाख करोड़ का टैक्स, जानें पूरा मामला
इस कानून के तहत सरकार को 50 साल पुराने मामले में भी टैक्स लगाने का अधिकार दिया गया था
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने केयर्न एनर्जी (Cairn Energy) और वोडाफोन पीएलसी (Vodafone PLC) जैसी कंपनियों के खिलाफ पिछली तिथि से टैक्स की मांगों को छोड़ने की दिशा में कदम उठाते हुए नियमों का मसौदा जारी किया. मसौदे के अनुसार, कंपनियों को सरकार के खिलाफ सभी कानूनी मामलों को वापस लेने और साथ ही भविष्य में ऐसा कोई कदम ना उठाने से जुड़ा अपरिवर्तनीय शपथपत्र देना होगा.
इससे पहले सरकार ने इस महीने की शुरुआत में पूर्व तिथि से टैक्स लगाने संबंधी कानून के प्रावधान को निरस्त करने के लिए कराधान कानून (संशोधन) अधिनियम-2021 को लागू कर दिया था. इस कानून के तहत सरकार को 50 साल पुराने मामले में भी टैक्स लगाने का अधिकार दिया गया था. यह कानून ऐसे मामलों में टैक्स लगाने का अधिकार देता था जिनमें विदेशों में स्वामित्व में बदलाव हुआ हो लेकिन कारोबारी संपत्तियां भारत में ही स्थित हों.
क्या होता है रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स
रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स के तहत सरकार किसी वर्तमान या नए कानून को पुरानी तारीख से लागू करती है. अगर सरकार को लगता है कि कोई देशी या विदेशी कंपनी टैक्स चोरी कर रही है तो वह एक नए टैक्स कानून को पुरानी तारीख से लागू करती है. ऐसे में उस कंपनी से एडिशनल टैक्स की वसूली की जाती है.
17 कंपनियों पर लगाया गयाथा 1.10 लाख करोड़ का टैक्स
वर्ष 2012 के इस कानून का इस्तेमाल केयर्न एनर्जी पर 10,247 करोड़ रुपए और वोडाफोन पर 22,100 करोड़ रुपए सहित 17 कंपनियों पर कुल मिलाकर 1.10 लाख करोड़ रुपए का टैक्स लगाने के लिए किया गया था.
8100 करोड़ रुपए लौटाएगी सरकार
ऐसी मांगों को छोड़ते हुए सरकार ने कंपनियों से लिए गए 8,100 करोड़ रुपए वापस करने की बात कही है. इसका एक बड़ा हिस्सा – 7,900 करोड़ रुपये – अकेले ब्रिटिश ऊर्जा कंपनी केयर्न एनर्जी के लिए देय है. यह तभी किया जाएगा जब संबंधित कंपनियां अपने द्वारा दायर सभी मौजूदा कानूनी मामलों को वापस लेने के साथ-साथ भविष्य में इस तरह का कदम ना उठाने का शपथपत्र देंगी.