रिजर्व बैंक इंश्योरेंस कंपनियों में बैंकों की हिस्सेदारी को 20 फीसद पर करना चाहता है सीमित
रिजर्व बैंक चाहता है कि बैंक नॉन-कोर सेक्टर्स में पूंजी फंसाने की तुलना में अपने मुख्य बिजनेस पर ध्यान केंद्रित करें।
रिजर्व बैंक इंश्योरेंस कंपनियों में बैंकों की हिस्सेदारी को 20 फीसद पर सीमित करना चाहता है। यह वर्तमान नियमों के मुताबिक दी गई छूट के मुकाबले आधे से भी कम है। इस बात से अवगत तीन सूत्रों ने यह जानकारी रायटर्स को दी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मौजूदा नियमों के मुताबिक इंश्योरेंस कंपनियों में बैंकों की हिस्सेदारी 50 फीसद तक हो सकती है और कुछ खास मामलों में यह इससे ज्यादा भी रह सकता है। हालांकि, एक खास अवधि के भीतर इसे कम करना होता है। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय बैंक ने 2019 में इंश्योरेंस कंपनियों में हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने की इच्छा रखने वाले बैंकों को अनाधिकारिक तौर पर हिस्सेदारी को 30 फीसद पर सीमित रखने को कहा था। वहीं, हाल में बैंकों को इंश्योरेंस कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को 20 फीसद पर सीमित करने का निर्देश दिया गया है।