रुपये में पाउंड के मुकाबले रिकार्ड गिरावट, विदेशों में पढ़ने वाले छात्रों पर पड़ेगा बुरा असर

Update: 2022-12-15 10:58 GMT

मुंबई: 12 दिन में ब्रिटिश पाउंड दो रुपये बढ़ा और रुपया रिकार्ड गिरावट पर पहुंच गया है। बुधवार को पाउंड 102.45 तक पहुंच गया। पाउंड के दाम लगातार बढ़ने से इंग्लैंड में पढ़ने वाले छात्रों पर बुरा असर पड़ने की संभावना है। इसके अलावा विदेशों से आने वाले सामान के महंगे होने की संभावना बढ़ गई है। एक दिसंबर को पांउड का रेट 100.24 रुपये थे। उस वक्त कहा गया था कि अगर पाउंड की कीमत इसी तरह बढ़ती रही तो रुपया काफी नीचे गिर जाएगा और बाजार पर इसका बुरा असर पड़ेगा। 12 दिन बाद पाउंड में दो रुपये से अधिक की उछाल आई। विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय बाजारों से लगातार बिकवाली करना भी इसके गिरने की बड़ी वजह है।

जबकि, रूस और यूक्रेन के बीच लंबा खिंचता युद्ध और उससे उपजे भू-राजनीतिक हालातों ने भी रुपये पर दबाव बढ़ाया है। भारत तेल से लेकर जरूरी इलेक्ट्रिक सामान और मशीनरी के साथ मोबाइल-लैपटॉप समेत अन्य गैजेट्स के लिए दूसरे देशों से आयात पर निर्भर है। अधिकतर कारोबार डॉलर और पाउंड में होता है। अगर रुपये में इसी तरह गिरावट जारी रही तो देश में आयात महंगा हो जाएगा।

विदेशों से आयात होने के कारण इनकी कीमतों में इजाफा तय है, मतलब मोबाइल और अन्य गैजेट्स पर महंगाई बढ़ेगी और आपको ज्यादा खर्च करना होगा। पाउंड के महंगा होने से रुपया ज्यादा खर्च करना होगा। इससे वहां से आने वाले माल की ढुलाई महंगी होगी, जिसके चलते हर जरूरत की चीज पर महंगाई की और मार पड़ेगी। यानी रुपये के टूटने से कई क्षेत्रों में बड़ा असर देखने को मिल सकता है। इसमें रोजमर्रा के सामनों की कीमतों में इजाफा दिखाई देगा।

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