UCO Bank को RBI की बड़ी राहत, कर्ज देने पर लगे प्रतिबंध हटाए, PCA फ्रेमवर्क से बाहर आया बैंक
UCO बैंक के लिए बड़ी राहत की खबर है. चार साल बाद बैंक पर कर्ज देने को लेकर लगाए गए प्रतिबंध अब खत्म हो गए हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। UCO बैंक के लिए बड़ी राहत की खबर है. चार साल बाद बैंक पर कर्ज देने को लेकर लगाए गए प्रतिबंध अब खत्म हो गए हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने UCO बैंक पर मई 2017 को कर्ज देने पर प्रतिबंध लगाए थे. RBI ने इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि UCO बैंक को Prompt Corrective Action (PCA) के प्रतिबंधों से बाहर कर दिया गया है.
UCO बैंक RBI ने रिव्यू किया
इस पर RBI का कहना है कि यूको बैंक के प्रदर्शन, वर्तमान में रिजर्व बैंक के PCA फ्रेमवर्क के तहत, वित्तीय पर्यवेक्षण बोर्ड की ओर से रिव्यू किया गया. जिसमें ये देखा गया कि 31 मार्च 2021 को खत्म साल के लिए अपने रिजल्ट के मुताबिक बैंक PCA मापदंडों के उल्लंघन में नहीं है. 31 मार्च तक UCO बैंक का शुद्ध NPA अनुपात 3.94% था, जो पिछले साल की इसी अवधि से 151 बेसिस प्वाइंट कम है. बेसल III के तहत इसका कुल पूंजी पर्याप्तता अनुपात 13.74% था, जो वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही से 204 bps ऊपर था.
हम बैंकों को प्रतिबंधों से बाहर निकाल रहे: दास
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने 6 अगस्त को कहा था कि वह आकलन के आधार पर बैंकों को प्रतिबंधात्मक फ्रेमवर्क से बाहर निकाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम उस स्थिति की समीक्षा करते रहते हैं. हाल ही में, हमने एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक को PCA टैग से हटा दिया है, और जब भी आवश्यक अनुरोध मिलते हैं, हम इसका विश्लेषण करते हैं, अगर यह आरबीआई की रेगुलेटरी जरूरतों को को पूरा करता है और अगर हमारे आकलन में, हमें लगता है कि ये एक सही मामला है, तो आरबीआई जरूरी कदम उठाएगा. इसलिए हम बैंकों को PCA से बाहर कर रहे हैं.
लेकिन ये बैंक अब भी PCA में
UCO बैंक को भले ही PCA फ्रेमवर्क से बाहर कर दिया गया है, लेकिन दो बैंक्स इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया अब भी PCA के प्रतिबंधों के अंदर हैं. रिजर्व बैंक उन बैंकों पर लगाम लगाने के लिए PCA फ्रेमवर्क का इस्तेमाल करता है, जिन्होंने खराब कर्ज और पूंजी पर्याप्तता में कुछ रेगुलेटरी नियमों का उल्लंघन किया होता है. PCA ज्यादा जोखिम वाले कर्जों पर लगाम लगाता है, प्रॉविजन पर ज्यादा पूंजी को अलग करता है और प्रबंधन वेतन पर प्रतिबंध लगाता है.