RBI का बड़ा फैसला, चेक क्लियर का बदलेगा नियम, लोगों को होगा ये फायदा

Update: 2021-02-09 04:49 GMT

दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने Cheque Clearance के नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है. आरबीआई ने Cheque Truncation System का दायरा बढ़ाने काफैसला किया है जिसका असर 18 हजार बैंक शाखाओं पर पड़ेगा. जानकारी के मुताबिक इसी साल सितंबर से नए नियम लागू हो जाएंगे.

RBI ने भुगतान और निपटान प्रणाली को अधिक बेहतर, तेज और सटीक बनाने के लिए सभी शेष 18,000 शाखाओं को अपडेट करने का फैसला किया है. जो भी शाखाएं केंद्रीकृत समाशोधन प्रणाली 'चेक ट्रंकेशन सिस्टम'(Cheque Truncation System) के तहत नहीं हैं, उन्हें सितंबर तक सीटीएस (CTS) के दायरे में लाया जाएगा. CTS का इस्तेमाल 2010 से किया जा रहा है और इसके दायरे में लगभग 1 लाख 50 हजार बैंक शाखाएं पहले से ही हैं.
सीटीएस यानी चेक ट्रंकेशन सिस्‍टम (Cheque Truncation System) चेक क्‍लियर करने की एक प्रक्रिया है, जिसमें जारी किए गए चेक को एक जगह से दूसरी जगह नहीं घूमना पड़ता. दरअसल, चेक जिस बैंक में जमा किया जाता है, वहां से चेक जारी करने वाले की बैंक शाखा में भेजा जाता है इस वजह से चेक क्‍लियर होने में ज्यादा समय लगता है. साल 2010 से भारत में CTS के तहत चेक क्लियर किए जाते हैं जिसमें देश की करीब 1 लाख 50 हजार बैंक शाखाएं जुड़ी हुई हैं. अब बाकी शाखाओं को भी जल्द ही CTS के दायरे में शामिल किया जाएगा.
CTS के जरिए चेक जल्दी क्लियर हो जाता है. इससे ग्राहकों को पेमेंट जल्दी मिल जाता है. इसके अलावा CTS लागत को भी घटाता है. Logistics से जुड़ी समस्‍याओं को कम करता है. इससे पूरे बैंकिंग सिस्टम को फायदा होता है.
चेक के एक स्थान से दूसरे स्थान जाने में लगने वाली लागत को भी खत्‍म हो जाती है. लिहाजा Cheque की Processing तेजी से होती है.
आज का दौर भले ही डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) का हो चला है. हम एक खाते से दूसरे में पैसे में ट्रांसफर करने के लिए Netbanking का इस्तेमाल करते हैं. चंद मिनटों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए रियल टाइम ग्रॉस सेटेलमेंट (RTGS) और नेशनल इलेक्‍ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) भी काफी लोकप्रिय हैं. इसके अलावा यूपीआई पेमेंट सिस्टम ने काफी कुछ आसान बना दिया है. Paytm, Googlepay, Phonepe जैसी कई मर्चेंट सुविधाएं उपलब्ध हैं लेकिन अभी भी चेक का महत्व खत्म नहीं हुआ है. देश में चेक अभी भी भुगतान के प्रमुख माध्‍यमों में बना हुआ है. चेक की इसी महत्ता को देखते हुए आरबीआई ने कम समय में चेक क्लियरेंस (cheque clearance) की क्षमता को बढ़ाने का फैसला किया है.
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