RBI ने चार स्तरीय व्यवस्था का रखा प्रस्ताव...सख्त होंगे NBFC के लिए यह नियम

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों

Update: 2021-01-24 14:50 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों यानी एनबीएफसी के बेहतर रेगुलेशन का प्लान बनाया है। मालूम हो कि पिछले एक-दो सालों से से गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में गड़बड़ियों के बाद केंद्रीय बैंक के लिए यह चिंता का विषय बन गया है। इसके मद्देनजर आरबीआई ने अपने एक डिस्कशन पेपर में नियमन के ढांचे और तरीके का जिक्र किया है।

चार स्तरीय व्यवस्था का प्रस्ताव
भारतीय रिजर्व बैंक ने गैंर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के नियमन की चार स्तरीय व्यवस्था का प्रस्ताव किया है। इसमें आकार-प्रकार के हिसाब से कंपनियों के लिए नियम हल्के या ज्यादा कड़े रखे जाएंगे। रिजर्व बैंक द्वारा जारी परिचर्चा पत्र में एनबीएफसी कंपनियों को चार स्तरों प्रथमिक, मध्यम, उच्च और शीर्ष श्रेणी में रखा जाएगा। 
यह वर्गीकरण आकार, कंपनी पर कर्ज के अनुपात, परस्पर जुड़ाव, प्रतिस्थापित किए जाने की संभावना, कारोबार की जटिलताओं और प्रकृति जैसे कारकों के आधार पर किया जाएगा। अंग्रेजी में रिवाइज्ड रेग्यूलेटरी फ्रेमवर्क फॉर एनबीएफसी- ए स्केल बेस्ट अप्रोच शीर्षक के इस चर्चा पत्र में एक माह के अंदर सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। टॉप लेयर वाली एनबीएफसी का पूंजी आधार 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। कहा गया है कि बेहद बड़ी एनबीएफसी को देश की पूंजी व्यवस्था के लिए काफी अहम है। लिहाजा इनके लिए ज्यादा सख्त मानक तय करने करने होंगे।
मौजूदा समय में देश में करीब 10 हजार एनबीएफसी हैं, लेकिन उनमें से मुश्किल से दो दर्जन ही ऐसे हैं, जो वित्तीय रूप से मजबूत हैं। आरबीआई ने कमजोर एनबीएफसी का जांच करने का आदेश दिया था। जानकारों का कहना है कि महामारी व इसको फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से देश में आर्थिक गतिविधियां सुस्त पड़ने की वजह से एनबीएफसी को काम करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बाजार में कर्ज की मांग न होने के वजह से एनबीएफसी का व्यवसाय पिछले काफी दिनों से एकदम सुस्त पड़ा हुआ था, जिसके चलते हाल ही में आरबीआई ने तीन NBFC का लाइसेंस रद्द कर दिया था और छह एनबीएफसी ने खुद अपना लाइसेंस सरेंडर कर दिया।


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