RBI ने दी अनुमति, IDFC First Bank का पैरेंट कंपनी में होगा रिवर्स मर्जर

RBI ने लॉक-इन पीरियड के बाद स्मॉल फाइनेंस बैंकों के रिवर्स मर्जर की अनुमति दे दी है. इस फैसले के तहत इक्विटास होल्डिंग्स और उज्जीवन फाइनेंस के बाद IDFC ग्रुप अपने बैंक IDFC First Bank के रिवर्स मर्जर के बारे में सोच रहा है.

Update: 2021-07-23 06:26 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पांच साल का लॉक-इन पीरियड खत्म हो जाने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने IDFC को अपने ग्रुप के IDFC First Bank के प्रमोटर से हटने की अनुमति दे दी है. केंद्रीय बैंक से अनुमति मिलने के बाद माना जा रहा है कि आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का मर्जर आईडीएफसी में कर दिया जाएगा. IDFC के शेयर में गुरुवार को 11 फीसदी की तेजी दर्ज की गई.

आज दोनों शेयर लाल निशान में ट्रेड कर रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि निवेशक के तौर पर IDFC और IDFC First Bank के शेयर होल्डर्स को क्या करना चाहिए. सुबह के 11.25 बजे IDFC का शेयर 2.20 फीसदी की गिरावट के साथ 57.70 रुपए के स्तर पर ट्रेड कर रहा था जबकि आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का शेयर 2.97 फीसदी की गिरावट के साथ 50.65 रुपए के स्तर पर ट्रेड कर रहा था.
IDFC के लिए अहम लेवल
मनी कंट्रोल में छपी रिपोर्ट में Kotak Securities के वाइस प्रेसिडेंट श्रीकांत चौहान ने IDFC शेयर को लेकर कहा कि 22 जुलाई को इस शेयर में कारोबार के दौरान 19 फीसदी तक का उछाल आया था लेकिन बाजार बंद होने पर यह 60 के ऊपर नहीं टिक पाया और 59 रुपए के स्तर पर बंद हुआ था. इस समय यह शेयर दिशाहीन दिख रहा है. ऐसे में अगर यह शेयर 60-61 रुपए के स्तर पर ब्रेक आउट देता है तो इसमें आगे तेजी जारी रहेगी और अगला पड़ाव 65 रुपए के स्तर पर होगा. अगर शेयर पर दबाव बढ़ता है और यह 57.50 रुपए के नीचे आता है तो दबाव बढ़ने के कारण यह 55.50 रुपए के स्तर तक लुढ़क सकता है.
स्मॉल फाइनेंस बैंक को रिवर्स मर्जर की अनुमति मिली
इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने स्मॉल फाइनेंस बैंक को उसके प्रमोटर के साथ मर्जर की अनुमति दी थी हालांकि इसके लिए 5 साल के लॉक-इन पीरियड का खत्म होना जरूरी है. RBI के इसी आदेश के तहत Equitas holding और Ujjivan Financial ने कहा था कि वह Equitas Small Finance Bank और Ujjivan Small Finance Bank का अपने में मर्जर करेगा.
2015 में बैंक की स्थापना
IDFC ग्रुप और ग्रुप एंटिटीज की बात करें तो आईडीएफसी फाइनेंशियल होल्डिंग्स की 100 फीसदी हिस्सेदारी IDFC के पास है. आईडीएफसी फाइनेंशियल कंपनी IDFC Asset Management में 100 फीसदी और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में 36.6 फीसदी हिस्सेदारी रखती है. आईडीएफसी बैंक की स्थापना 2015 में की गई थी और इसके लिए आईडीएफसी के इन्फ्रास्ट्रक्चर लेडिंग बिजनेस का डी-मर्जर किया गया था. कंपनी फिर से रिवर्स मर्जर की तरफ आगे बढ़ना चाह रही है.


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