RBI ने दी राहत, महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों की नहीं बढ़ेंगी लोन पर ब्याज दरें, जानिए

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर और रिवर्स रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है.

Update: 2021-10-08 05:08 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मौद्रिक नीति समिति (MPC) की 3 दिवसीय बैठक के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने ब्याज दरों पर लिए गए फैसलों का ऐलान किया. महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों को आरबीआई ने राहत दी है और लोन पर ब्याज दरें नहीं बढ़ाने का फैसला किया है.

रेपो रेट-रिवर्स रेपो रेट में बदलाव नहीं
शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर (Repo Rate) में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है और उसे 4 प्रतिशत रखा है. इसके साथ ही आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) को भी अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है और इस तिमाही में यह 3.35 प्रतिशत ही रहेगा.
क्या होता है रेपो और रिवर्स रेपो रेट?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) जिस दर पर बैंकों को लोन देता है, उसे रेपो दर (Repo Rate) कहा जाता है. इसी कर्ज से बैंक अपने ग्राहकों को लोन देते हैं. यानी रेपो रेट कम होने पर लोन पर ब्याज दरें कम होती है और रेपो रेट बढ़ने पर बैंक ब्याज दरें बढ़ा सकते हैं. वहीं रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) रेपो रेट से ठीक उल्टा होता है और यह वह दर है, जिस पर बैंकों की ओर से जमा राशि पर आरबीआई ब्याज देता है. रिवर्स रेपो रेट के जरिए बाजारों में लिक्विडिटी यानी नकदी को ​नियंत्रित किया जाता है.


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