railway budget: UP-बिहार के लिए खोला खजाना

Update: 2024-07-25 01:28 GMT
Rail Budget 2024-25: रेल मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड की रेल परियोजनाओं को 5,131 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है। यूपीए सरकार के दौरान औसतन 187 करोड़ रुपये बजट दिया जाता था।  Rail Budget: आम बजट 2024-25 में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और उत्तराखंड की रेल परियोजनाओं के लिए 42,312 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है। UPA यूपीए सरकार के अपेक्षाकृत इन राज्यों में पिछले दस वर्षों में बजट आवंटन में 25-30 गुना वृद्धि हुई। इसके चलते तीन गुना तेजी से नए रेलवे ट्रैक बिछाए जा रहे हैं। उत्तराखंड को छोड़कर उक्त सभी राज्यों में रेलवे ट्रैक का सौ फीसदी विद्युतीकरण किया जा चुका है। यूपी को 18 फीसदी अधिक पैसा मिला रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को रेल भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में राज्यवार रेल परियोजनाओं के लिए आवंटित बजट का ब्योरा पेश किया। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि उत्तर प्रदेश को यूपीए शासनकाल में औसतन 1,009 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। जबकि 2024-25 के आम बजट में यूपी को 19,848 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इस प्रकार यूपी को रेल परियोजनाओं के लिए 18 फीसदी अधिक पैसा दिया गया है। यूपी में वर्तमान में 92,000 करोड़ की रेल परियोजनाएं चल रही है। यूपी में दस साल में 4,900 किलोमीटर नए रेलवे ट्रैक बिछाए गए हैं। 1490 आरयूबी-आरओबी बनाए जा चुके हैं। वहीं, 157 रेलवे स्टेशनों को अमृत भारत के तहत पुनर्विकास किया जा रहा है।
बिहार के 92 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा वैष्णव ने बताया कि बिहार की रेल परियोजनाओं के लिए आम बजट 2024-25 में 10,033 करोड़ रुपये आवंटन किया गया है। पूर्व की सरकार के दौरान (औसतन 1132 करोड़) की अपेक्षाकृत नौ गुना अधिक बजट दिया गया है। पूर्व में नए रेलवे ट्रैक औसतन 64 किलोमीटर बन रहे थे, जिसकी रफ्तार 167 किलोमीटर हो गई है। 79,000 करोड़ की 55 रेल परियोजनाएं चल रही हैं। यूपीए सरकार के दौरान दस सालों में 60-65 किलोमीटर रेल ट्रैक बिछाए जा रहे थे। जबकि मोदी सरकार के 10 वर्षों में यह आंकड़ा 1,060 किलोमीटर प्रतिवर्ष पहुंच चुका है। बिहार के 92 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का ज्यादातर काम पूरा रेल मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड की रेल परियोजनाओं को 5,131 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है। यूपीए सरकार के दौरान औसतन 187 करोड़ रुपये बजट दिया जाता था। प्रदेश में 25,941 करोड़ की लागत से तीन परियोजनाएं चल रही हैं। राज्य में 11 रेलवे स्टेशनों को विकसित किया जा रहा है। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि
 Rishikesh-Karnprayag
 ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का अधिकतर कार्य पूर्ण हो गया है।
झारखंड Jharkhand में 32 रेल परियोजनाओं पर काम चल रहा वैष्णव ने बताया कि झारखंड की रेल परियोजनाओं के लिए इस बार 7,302 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। यूपीए सरकार में औसतन बजट आवंटन 453 करोड़ रहता था। प्रदेश में 52885 करोड़ रुपये लागत की 32 रेल परियोजनाएं चल रही हैं। प्रदेश में 436 आरयूबी-आरओबी बनाए जा चुके हैं। रेल मंत्री ने राज्यों की उपेक्षा के आरोपों को नकारा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आम बजट में राज्यों की उपेक्षा के आरोप को सिरे से नकारते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल को इस बार 13,941 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। जबकि यूपीए के दौरान औसतन 4380 करोड़ दिया जाता था। 60,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं चल रही हैं। 100 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से रेल परियोजाओं को समय पर पूरा करने में सहयोग देने की अपील की है। विशेष रूप से भूमि अधिग्रहण समय पर करने में मदद की जरूरत है।
रेलवे परियोजनाओं पर केरल का सहयोग बहुत कम वैष्णव ने कहा कि रेलवे परियोजनाओं में केरल सरकार का सहयोग बहुत कम रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य में बहुत कुछ किया जा सकता है, बशर्ते भूमि अधिग्रहण के लिए सरकार का समर्थन मिले। रेल मंत्री ने यह टिप्पणी लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान प्रस्तावित अंगमाली-सबरीमाला रेलवे लाइन परियोजना से संबंधित पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए की। कांग्रेस सदस्य अदूर प्रकाश के पूरक प्रश्न का जवाब देते हुए वैष्णव ने कहा कि यह एक जटिल परियोजना है। इसे आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार के सहयोग की आवश्यकता है।
 Wadsa-Gadchiroli 
वडसा-गढ़चिरौली परियोजना पर तेजी से काम हो रहा  रेल मंत्री ने लोकसभा में कहा कि महाराष्ट्र में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र में वडसा-गढ़चिरौली रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण और वन मंजूरियों के बाद काम ने रफ्तार पकड़ ली है। प्रश्नकाल के दौरान गढ़चिरौली-चिमूर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के सदस्य किरसन नामदेव के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए वैष्णव ने कहा कि परियोजना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों से होकर गुजरती है।
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