कोयले की कमी से जूझ रहे बिजलीघर, चार दिन से कम कोयला भंडार वाले संयंत्रों की संख्या 61 हुई

देश में कोयला संकट की स्थिति में अभी भी कुछ खास सुधार नहीं दिख रहा है.

Update: 2021-10-21 04:42 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश में कोयला संकट की स्थिति में अभी भी कुछ खास सुधार नहीं दिख रहा है. हलांकि, सरकार दावा कर रही है कि कोयला के उत्पादन में तेजी आई है. ताप बिजलीघरों में कोयले की कमी बरकरार है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खानों से दूर स्थित चार दिन से कम कोयला भंडार (सुपर क्रिटिकल स्टॉक) वाले बिजली संयंत्रों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 61 पर पहुंच गई.

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) के कोयला भंडार पर ताजा आंकड़ों के अनुसार, खानों से दूर स्थित चार दिन से कम के कोयला भंडार वाले बिजली संयंत्रों की संख्या 19 अक्टूबर को बढ़कर 61 पहुंच गई, जो 18 अक्टूबर को 58 थी.
आंकड़ों से पता चलता है कि चार दिन के कोयला भंडार वाले बिजलीघरों की संख्या पिछले सप्ताह (12 अक्टूबर) 65 थी. यानी कोयला भंडार की स्थिति सुधरी है लेकिन संकट अभी बना हुआ है.
सीईए 135 ताप बिजली संयंत्रों में कोयला भंडार की स्थिति पर नजर रखता है. इन संयंत्रों की सामूहिक उत्पादन क्षमता 1,65,000 मेगावॉट है. आंकड़े से पता चलता है कि ऐसे बिजलीघरों की संख्या घटकर 15 पर आ गई है, जहां कोयले का बिल्कुल भी भंडार नहीं है.
इनकी बिजली उत्पादन क्षमता 15,080 मेगावॉट है. एक सप्ताह पहले ऐसे संयंत्रों की संख्या 18 थी जिनकी उत्पादन क्षमता 18,630 मेगावॉट थी. पिछले सप्ताह कोल इंडिया के अधिकारियों ने जानकारी दी थी कि उनका उत्पादन बढ़कर 16 लाख टन हुआ है. कंपनी ने कहा है कि दशहरा के बाद उसका उत्पादन और बढ़ेगा, क्योंकि श्रमिक उस समय छुट्टियों के बाद काम पर लौटेंगे.


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