महोगनी के पेड़ लगाएं और बने करोड़पति, जानिए क्या है इसकी खासियत और क्यों है इतनी मांग
नई दिल्ली: भारत एक कृषि प्रधान देश है. देश की करीब 58% आबादी के लिए कृषि आजीविका का प्राथमिक स्रोत है. लेकिन इसके बावजूद किसानों की माली हालत ठीक नहीं है. हर साल मौसम, बाढ़ या किसी अन्य वजह से लाखों किसानों की फसल बर्बाद हो जाती है और जो फसल बच जाती है उसका बाज़ार में सही दाम नहीं मिलता. जिसके चलते किसान हमेशा परेशान रहता है.
किसानों की आमद के लिए खेती के कई ऐसे तरीके भी हैं, जिनकी मदद से लाखों-करोड़ों रुपये कमा सकते हैं. महोगनी की खेती ऐसा ही एक बिज़ेनस आइडिया है. इस पेड़ को लगाकर करोड़पति बन सकते हैं. अगर एक एकड़ जमीन में महोगनी के 100 से ज्यादा पेड़ लगाते हैं तो आप महज 12 साल में करोड़पति बन सकता है. एक बीघा में इसे लगाने की लागत 40-50 हजार रुपये आती है. महोगनी का एक पेड़ 20 से 30 हज़ार का बिकता है. ऐसे में आप अपने खेत में बड़े स्तर पर इसकी खेती कर करोड़ रुपये कमा सकते हैं. न सिर्फ इसकी कीमत ज्यादा है, बल्कि इस पेड़ में औषधीय गुण भी हैं और इसकी लकड़ी कई मायनों में गुणों से परिपूर्ण है.
क्या है महोगनी का पेड़?
महोगनी की लकड़ी मजबूत और काफी लंबे समय तक उपयोग में लाई जाने वाली लकड़ी होती है. महोगनी की लकड़ी बाजार में काफी महंगी मिलती है. यह लकड़ी लाल और भूरे रंग की होती है. इस पर पानी का भी कोई असर नहीं पड़ता. यह पेड़ 50 डिग्री सेल्सियस तक तापमान को सहने की क्षमता रखता है और जल न भी हो तब भी यह लगातार बढ़ता ही जाता है.
कैसे काम आती है महोगनी की लकड़ी?
महोगनी की लकड़ी फर्नीचर और बंदूक का कोंदा बनाने के काम आती है. इसके अलावा इससे नाव भी बनाई जाती है. मेडिकल के लिए भी यह काफी बेशकीमती माना जाता है. इसके पत्तों का उपयोग मुख्य रूप से कैंसर, ब्लडप्रेशर, अस्थमा, सर्दी और मधुमेह सहित कई प्रकार के रोगों में होता है. इसके अलावा इसकी पत्तियों और बीज के तेल का इस्तेमाल मच्छर मारने वाली दवाइयों और कीटनाशक को बनाने में किया जाता है. इसके तेल का उपयोग कर साबुन, पेंट, वार्निस और कई तरह की दवाइयों को बनाया जाता है.
महोगनी की कीमत
महोगनी का पौधा पांच वर्षों में एक बार बीज देता है. इसके एक पौधे से पांच किलों तक बीज प्राप्त किए जा सकते है. इसके बीज की कीमत काफी ज्यादा होती है और यह एक हजार रुपये प्रतिकिलो तक बिकते है. वहीं, इसकी लकड़ी होलसेल में कम से कम दो हजार से 2200 रुपये प्रति घन फीट बिकती है.
महोगनी के पेड़ लगाकर करोड़ों कमाए -
पौधा प्रेमी के नाम से जाने जानेवाले चक्रधरपुर के चन्द्रशेखर प्रधान ने महोगनी के पेड़ लगाकर करोड़ों की कमाई की है. माई फ्यूचर लाइफ संस्था से जुड़कर चन्द्रशेखर प्रधान किसानों को बेहतर आमदनी के लिए महोगनी पेड़ लगाने के लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं. संस्था के द्वारा अबतक पश्चिम और पूर्वी सिंहभूम जिले में 42 हजार महोगनी पेड़ लगाये गए हैं. संस्था का लक्ष्य 21 लाख महोगनी पेड़ लगाने का है. चन्द्रशेखर प्रधान ने खुद अपनी 18 डिसमिल जमीन पर 148 महोगनी पेड़ लगाए हैं. इससे उनकी काफी अच्छी कमाई हुई.