Business बिजनेस: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के साथ ही सार्वजनिक Public क्षेत्र की तेल कंपनियां भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती करने की योजना बना रही हैं। शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमतें 14 महीने के निचले स्तर पर आ गईं। ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतें 73 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गईं। केंद्र सरकार का यह भी मानना है कि ईंधन की कीमतों में रियायत से महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा की राजनीतिक संभावनाओं को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) जैसी प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की उम्मीद है। वैश्विक बाजार की हलचल को देखते हुए दिसंबर से पहले इसकी घोषणा हो सकती है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी से महंगाई को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी। चीन और अमेरिका में आर्थिक मंदी के कारण तेल की खपत में कमी आने से कच्चे तेल की कीमतों में कमी आई है। अमेरिका में तेल भंडार कम होने और ओपेक देशों द्वारा उत्पादन पर अंकुश लगाने के फैसले की खबरों के बावजूद कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जारी है। इससे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के रिफाइनिंग मार्जिन में सुधार हुआ है। तेल की कीमतें एक साल से अधिक समय तक 90 डॉलर के करीब रहने से कंपनियों के मुनाफे में बड़ी गिरावट आई है। लेकिन पेट्रोलियम डीलरों का कहना है कि कीमतों में कमी के साथ पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी करने के लिए अनुकूल स्थिति है।