पीरामल एंटरप्राइजेज ने DHFL को 38 हजार करोड़ में खरीदा, जानिए पूरा मामला

पीरामल एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने संकट दौर से गुजर रही कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड को 38,050 करोड़ रुपये में खरीद लिया है.

Update: 2021-09-30 02:24 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पीरामल एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने संकट दौर से गुजर रही कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) को 38,050 करोड़ रुपये में खरीद लिया है. पीरामल ग्रुप ने बुधवार को ऋणदाताओं को 34,250 करोड़ रुपये का भुगतान कर डीएचएफएल का अधिग्रहण पूरा कर लिया है. कंपनी ने बताया कि डीएचएफएल की समाधान प्रक्रिया के तहत से उसके एफडी धारकों सहित कर्जदाताओं को कुल 38,000 करोड़ रुपये मिलेंगे.

पीरामल ग्रुप के चेयरमैन अजय पीरामल ने कहा कि यह लेनदेन वित्तीय सेवा क्षेत्र में आईबीसी नियमों के तहत सफल समापन का प्रतीक है और भविष्य के प्रस्तावों के लिए एक मिसाल कायम करता है. उन्होंने कहा, 'हमने अब तय राशि का भुगतान कर दिया है. यह लेनदेन अब तक के सबसे बड़े प्रस्तावों में से एक है. हम PCHFL और DHFL का विलय करेंगे. विलय की गई कंपनी का नाम पिरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड रखा जाएगा.'
DHFL के 46 फीसदी लेनदारों को बकाया मिल जाएगा
विलय की गई कंपनी पर 100 फीसदी मालिकाना अधिकार पीरामल एंटरप्राइजेज लिमिटेड के पास होगा. पीरामल ग्रुप द्वारा किए गए 34,250 करोड़ रुपये के भुगतान में 14,700 करोड़ रुपये नकद और 19,550 करोड़ रुपये का कर्ज शामिल हैं. डीएचएफएल के कुल 70,000 लेनदार हैं, जिनमें से करीब 46 फीसदी को इस समाधान योजना से उनका बकाया मिल जाएगा.
कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस अधिग्रहण से कंपनी को 10 लाख से ज्यादा ग्राहकों तक पहुंच मिलेगी और इसकी 24 राज्यों में 301 ब्रांच में उपस्थिति होगी. साथ ही अगले तीन या चार साल में कंपनी की देश में लगभग एक हजार स्थानों पर उपस्थिति की योजना है.
जनवरी में पीरामल ने कंपनी खरीदने के लिए मारी थी बाजी
जनवरी 2021 में DHFL को खरीदने की दौड़ में पीरामल ग्रुप सबसे सफल बोलीदाता के रूप में उभरा था. कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स यानी COC ने 15 जनवरी को वोटिंग के जरिए पीरामल को एक मात्र बिडर के तौर पर चुना था. डीएचएफएल के 94 फीसदी कर्जदाताओं ने पीरामल ग्रुप की समाधान योजना के पक्ष में मतदान किया था.
इस दौड़ में पीरामल के अलावा अमेरिकी कंपनी ओक ट्री शामिल थी, जिसे 45 फीसदी वोट मिले. ओक ट्री ने डीएचएफल के लिए 36,400 करोड़ की बोली लगाई थी जबकि पीरामल ने 38,050 करोड़ रुपये. डीएचएफएल के कर्जदाताओं ने पीरामल के ऑफर के पक्ष में वोटिंग की.


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