PF की ब्याज दर पर 4 मार्च को होने वाली बैठक में हो सकता है बड़ा फैसला

ईपीएफओ (EPFO) के 6 करोड़ से भी अधिक सब्सक्राइबर्स को 4 मार्च को बड़ा झटका लग

Update: 2021-03-03 14:42 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: ईपीएफओ (EPFO) के 6 करोड़ से भी अधिक सब्सक्राइबर्स (Subscribers) को 4 मार्च को बड़ा झटका लग सकता है। दरअसल, सरकार की तरफ से इस साल की ब्याज दरों में और कटौती की जा सकती है। 4 मार्च को सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्‍टीज (CBT) की श्रीनगर में बैठक है। इस बैठक में ईपीएफओ की कमाई और उसकी वित्तीय हालत पर भी बात होगी। अधिकारियों का पहले से ही कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से हुई बहुत अधिक निकासी और योगदान में आई कमी के चलते ब्याज दर घट सकती है। पिछले कुछ सालों में ब्याज दर में आई गिरावट की वजह से पीएफ से होने वाली कमाई पर भी बड़ा असर पड़ा है। ईपीएफओ अपना अधिकतर हिस्सा सरकारी सिक्योरिटीज (Government Securities) में निवेश करता है।

2020 में 8.5 फीसदी ब्याज, सात साल में सबसे कम
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि फाइनेंस इन्वेस्टमेंट एंड ऑडिट कमेटी (FIAC) इस बात का आकलन कर रही है कि ईपीएफओ से अधिक निकासी होने और जमा में कमी आने का 2020-21 की कमाई पर कितना असर होगा। पिछले सालों में सरकार ने वित्त वर्ष 2020 के लिए 8.5 फीसदी ब्याज देना का फैसला किया था, जो सात सालों में सबसे कम था। वहीं वित्त वर्ष 2019 में ये दर 8.65 फीसदी थी।
बजट 2021 में भी आई थी बुरी खबर
प्रॉविडेंट फंड (PF) को लेकर एक बुरी खबर बजट 2021 में भी आई थी, जिसमें पीएफ में योगदान पर टैक्स छूट को लेकर नियम बदला था। नए नियम में हाई इनकम ब्रैकेट वाले लोगों को पीएफ पर मिलने वाले ब्याज की छूट को कम किया गया है। अगर किसी शख्स का पीएफ (PF) में सालाना योगदान 2.5 लाख रुपये (PF 2.5 Lakhs) से ज्यादा होगा तो 2.5 लाख रुपये से ज्यादा वाली रकम पर उसे जो भी ब्याज मिलेगा, उस पर टैक्स देना (Tax on PF) होगा।
एक उदाहरण से समझिए...
मान लें शर्मा जी ने वित्त वर्ष 2021-22 में 3 लाख रुपये पीएफ में योगदान (PF Contribution) दिया। ऐसे में ढाई लाख की रकम पर उन्हें जो ब्याज (PF interest) मिलेगा, वह तो टैक्स फ्री होगा, लेकिन 50 हजार पर मिलने वाले ब्याज की रकम पर उन्हें टैक्स देना होगा। अब शर्मा जी अगले वित्त वर्ष यानी 2022-23 में 4 लाख पीएफ में डाल देते हैं तो उन्हें डेढ़ लाख रुपये की रकम पर मिलने वाले ब्याज पर तो टैक्स देना ही होगा, इसके साथ ही पिछले साल जो 50 हजार रुपये ढाई लाख की लिमिट से ऊपर डाले गए थे, उन पर भी तो 2022-23 में ब्याज मिलेगा। इस ब्याज पर भी उन्हें टैक्स देना होगा। वित्त मंत्री ने साफ किया है कि इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए सरकार एक नया सिस्टम लेकर आएगी।


Tags:    

Similar News

-->