पेट्रोलियम मंत्री ने कहा-जो कम कीमत पर आसानी से देगा हम उससे खरीदेंगे तेल
जो देश सस्ती दरों और उचित कारोबारी शर्तो पर राजी होगा, भारत उससे तेल की खरीद करेगा।
जो देश सस्ती दरों और उचित कारोबारी शर्तो पर राजी होगा, भारत उससे तेल की खरीद करेगा। उत्पादन नियंत्रण में ढील के अनुरोध पर सऊदी अरब से उचित प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद पेट्रोलियम मंत्री ने यह बात कही है। एक कार्यक्रम में प्रधान ने कहा, 'रणनीतिक और आर्थिक फैसले करते समय भारत अपने हितों को ध्यान में रखेगा। हम तेल के उपभोक्ता हैं और हमें लंबे समय तक इसका आयात करते रहना है। ऐसे में जो कम कीमत पर और आसानी से देगा, हम उससे तेल खरीदेंगे।'
उत्पादन कटौती पर नरम रुख अपनाने और कीमत कम करने के भारत के अनुरोध पर सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान के जवाब पर भी प्रधान ने निराशा जताई। प्रधान ने कहा कि किसी करीबी मित्र देश से ऐसा जवाब बहुत गैर राजनयिक है। प्रधान ने कहा, 'भारत की इस बारे में अपनी रणनीति है कि अपने भंडार का इस्तेमाल कब और कैसे करना है। हम अपने हितों को लेकर सतर्क हैं।' सऊदी के मंत्री ने कहा था कि भारत को उत्पादक देशों से उत्पादन बढ़ाने व कीमतें थामने के लिए कहने के बजाय अपने उस रणनीतिक भंडार से तेल निकालना चाहिए, जिसे उसने पिछले साल रिकॉर्ड कम कीमतों में भरा था।
फिलहाल अन्य स्रोतों से तेल खरीद की दिशा में भारत के कदमों की गवाही पिछले महीने के आंकड़े भी दे रहे हैं। फरवरी में सऊदी अरब को पछाड़ते हुए अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन गया। इन आंकड़ों के आधार पर अमेरिका को सऊदी अरब पर वरीयता के सवाल पर प्रधान ने कहा, 'सवाल यह नहीं है कि हम किसके करीब जा रहे हैं। मसला यह है कि हमारे हितों के लिए कौन बेहतर है। भारत एक खुला बाजार है। हमारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां दुनिया के किसी भी हिस्से से तेल खरीदने के लिए आजाद हैं। भारत का हित सर्वोपरि है।'भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। इराक भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश है। यूएई, कुवैत और नाइजीरिया भी भारत के बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से हैं। आपूर्ति के स्रोतों में विविधता के लिए हाल में यहां की रिफाइनरियों ने पश्चिम एशिया के इतर देशों से खरीद बढ़ाई है।