ई कॉमर्स कंपनियाों के लोगों को नहीं लगेेंगा चूना, ग्राहकों को प्रभावित करना बंद करें कंपनियां

ई कॉमर्स व्यापार के मानदंडों को स्पष्ट करने एवम सभी हितधारकों के लिए ई कॉमर्स व्यापार में समान अवसर सुनिश्चित करना चाहिए.

Update: 2021-03-17 18:33 GMT

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने आज नई दिल्ली के उद्योग भवन में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल से उनके कार्यालय में मुलाकात की और एक विस्तृत ज्ञापन देते हुए उनसे आग्रह किया की वर्तमान ई-कॉमर्स व्यापार में जिस तरह से कुछ कंपनियों ने अपनी मनमानी कर इस व्यापार को खराब किया है उसको देखते हुए यह आवश्यक है की ई कॉमर्स व्यापार के मानदंडों को स्पष्ट करने एवम सभी हितधारकों के लिए ई कॉमर्स व्यापार में समान अवसर सुनिश्चित करना चाहिए.

उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि इस मुद्दे पर अविलम्ब सुधारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए जिससे की कोई भी ई-कॉमर्स कंपनी चाहे वह छोटी हो या बड़ी भारतीय हो या विदेशी वित्त पोषित, कोई भी किसी भी परिस्थिति में कानून का उल्लंघन करने की हिम्मत न करे और भारत को डंपिंग यार्ड समझने की भूल न करे.
एफडीआई नीति का उल्लंघन
ये अब साफ हो गया है कि कई विदेशी वित्त पोषित ई-कॉमर्स कंपनियां न केवल सरकार की एफडीआई नीति बल्कि फेमा अधिनियम का भी उल्लंघन कर रही हैं. वे भारत को एक तरह से खुला खेल का मैदान समझते हैं जहां कानून कमजोर हैं और वे नियमों को अपनी सुविधा के लिए कभी भी मोड़ सकते हैं. इन ई कॉमर्स कंपनियों को अब कड़ा सबक दिया जाना चाहिए जिससे कोई भी खुद को कानून से ऊपर न समझे.

ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नियम का पालन जरुरी
नियमों का पालन अनिवार्य
पीयूष गोयल ने सभी बातों को ध्यानपूर्वक सुनने के बाद कहा कि भारत में प्रत्येक ई कॉमर्स व्यापारिक संसथान को नियमों और विनियमों का पालन करना आवश्यक है और सरकार भारत के छोटे व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार पहले ही मामले को गंभीरता से ले रही है और सभी पहलुओं पर गहन विचार किया जा रहा है.
ग्राहकों को प्रभावित करना करना बंद करें कंपनियां

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ई-कॉमर्स के लिए निर्धारित नीति और नियमों का अक्षर और भाव दोनों से समान पालन करना ही होगा. हालांकि, उन्होंने व्यापारियों को खुदरा व्यापार के मौजूदा व्यापार प्रारूप में नई टेक्नोलॉजी को स्वीकार करने की सलाह दी, जो समय की आवश्यकता है. उन्होंने आगे कहा कि जो भी कोई ई-कॉमर्स के माध्यम से व्यापार कर रहे हैं उन्हें नियम और विनियमों के भीतर व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन करना अनिवार्य है और किसी भी परिस्थिति में ग्राहकों को प्रभावित करना नियमों के विपरीत है. सरकार निर्धारित कानूनों का पालन कराते हुए व्यापार के लिए बेहतर ई-कॉमर्स कार्यक्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध है.


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