बिजली महंगाई से आम लोगों को लगेगा झटका, कूलर-एसी की हवा खाना पड़ेगा महंगा

पेट्रोल-डीजल, एलपीजी सिलेंडर और खाद्य तेलों की महंगाई के बीच बिहार में आम लोगों को एक और झटका लगा है

Update: 2021-03-27 16:17 GMT

पेट्रोल-डीजल, एलपीजी सिलेंडर और खाद्य तेलों की महंगाई के बीच बिहार में आम लोगों को एक और झटका लगा है. अबकी बार बिजलीने महंगाई का 'करंट' दिया है. दरअसल, बिहार विद्युत विनियामक आयोग (BERC) ने बिजली दरों में बढ़ोतरी का फैसला लिया है. एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, बिजली दरों में औसतन 0.63 फीसदी की बढ़ोतरी का निर्णय लिया गया है. बिजली विभाग की ओर से न्यू टैरिफ का नोटिफिकेशन होना बाकी है.

हालांकि बिजली उपभोक्ताओं की सभी श्रेणियों के लिए निर्धारित मौजूदा चार्जेस में परिवर्तन नहीं किया गया है. इसके साथ ही प्रीपेड स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए 3 फीसदी की छूट का प्रस्ताव भी आयोग ने स्वीकार कर लिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, टैरिफ स्लैब में बदलाव किया गया है.
पहले 4 टैरिफ स्लैब थे, अब 3 होंगे
अबतक घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 4 टैरिफ स्लैब हैं, लेकिन BERC ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ स्लैब की संख्या को 4 से घटाकर 3 कर दिया है. 200 यूनिट तक का स्लैब वही रहेगा, लेकिन 201 से 300 यूनिट और 301 या उससे ऊपर के स्लैब को मिला दिया गया है. यानी अब इस स्लैब को '201 और उससे अधिक यूनिट' का बना दिया गया है.
बिजली बिल बचाना है तो रखना होगा 3 बातों का ध्यान
यानी अगर आपको बिजली बिल बचाना है तो आपको यह ध्यान रखना होगा कि आप एक महीने में 200 से ज्यादा यूनिट खर्च न करें. BERC के मुताबिक, बिजली बिल का निर्धारित समयसीमा में भुगतान नहीं करने पर उपभोक्ता को प्रति माह 1.5 फीसदी लेट पेमेंट सरचार्ज देना होगा.
यानी आपको बिल में बचत करनी हो तो आपको समय से बिल भुगतान करना होगा. इसके साथ ही एक और बात ध्यान देनी होगी कि जैसे ही आपके इलाके में प्रीपेड मीटर सुविधा लागू हो, उसे लगवाना बेहतर होगा. क्योंकि उसमें 3 फीसदी की छूट ​का फायदा उठा पाएंगे.
अब राज्य सरकार के फैसले पर नजर!
बिजली टैरिफ का नया आदेश अभी जीरो-सब्सिडी के आधार पर पारित किया गया है. इसका मतलब ऐसे समझिए कि बिहार सरकार की ओर से सब्सिडी की घोषणा करने के बाद टैरिफ दर में कमी भी आ सकती है. बता दें कि वित्तीय वर्ष 2016-17 से जीरो-सब्सिडी टैरिफ की शुरुआत की गई थी. फिलहाल राज्य सरकार के फैसले पर सबकी नजर है. सरकार 31 मार्च तक सब्सिडी पर फैसला लेगी क्योंकि नया टैरिफ आदेश 1 अप्रैल से लागू होना है.
आया था 9.22 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव
बता दें कि राज्य में दो बिजली वितरण कंपनियां नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (NBPDCL) और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (SBPDCL) हैं. BERC के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा का कहना है कि दोनों कंपनियों ने बिजली चार्ज में लगभग 9.22 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया था, लेकिन आयोग ने इस पर सहमति नहीं दी. बिजली उपभोक्ताओं की विभिन्न श्रेणियों में 0.63 फीसदी की औसत वृद्धि का निर्णय लिया गया है.


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