कैंसल हो रहे हैं ऑर्डर, होली पर कारोबारियों को हो सकता है नुकसान
देशभर में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के केसों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने होली के सार्वजनिक आयोजनों और होली मिलन समारोहों के आयोजन पर पाबंदी लगा दी है।
दिल्ली समेत देशभर में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के केसों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने होली के सार्वजनिक आयोजनों और होली मिलन समारोहों के आयोजन पर पाबंदी लगा दी है। साथ ही देश के कई अन्य राज्यों ने भी ऐसा किया है। इसका व्यापार पर भी काफी नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है। कारोबारियों को डर सता रहा है कि पिछले साल की तरह इस साल भी कोरोना की वजह से उनकी होली बेरंग रहेगी।
अनुमानों के मुताबिक होली पर देशभर में 25000 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। इसमें केवल दिल्ली में ही 1500 करोड़ रुपये का बिजनस होता है। लेकिन इस बार होली पर बिक्री में भारी कमी आई है और होली से पहले बाजार सुनसान पड़े हैं। सदर बाजार के पिचकारी विक्रेता अनिल शर्मा ने बताया कि कोरोना की वजह से इस बार होली पर हमारा 25 फीसदी स्टॉक भी नहीं बिक पाया है। हमारे गोदाम माल से भरे पड़े हैं लेकिन खरीदार नहीं आ रहे। ऊपर से महंगाई बढ़ने का भी असर पड़ रहा है। जो पिचकारी पिछले साल 80-90 रुपये में आ रही थी, उसके दाम बढ़कर 120-130 रुपये हो गए हैं।
कैंसल हो रहे हैं ऑर्डर
अब सरकार ने सार्वजनिक आयोजनों पर जो पाबंदी लगा दी है, उसके बाद से कई बड़े ऑर्डर भी कैंसल होना शुरू हो गए हैं। टीवी और अखबारों में आ रही कोरोना से जुड़ी खबरों को देखकर लोग भी अलर्ठ हो गए हैं और ज्यादा गर्मजोशी के साथ होली मनाने के मूड में नहीं दिख रहे हैं। रंग-गुलाल के विक्रेताओं का भी यही कहना था कि केवल सरकार की तरफ से लगाई गई पाबंदी की वजह से ही नहीं, बल्कि संक्रमण के बढ़ते खतरे की वजह से भी लोग इस बार होली मनाने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक चीनी सामान का बहिष्कार करने के बाद देश में ही बने रंग-गुलाल, गुब्बारे, पिचकारियो और अन्य सामान की मांग और खरीदारी बढ़ते देश इनका प्रॉडक्शन भी बढ़ा दिया गया था और इस साल होली को देखते हुए इसकी आपूर्ति भी शुरू कर दी गई थी लेकिन बैन के बाद व्यापारी बेहद चिंतित हैं। होली के सामान का व्यापार करने वाले व्यापारियों के यहां स्टॉक का अंबार लगा हुआ है, मगर अब उसकी बिक्री में भारी गिरावट आने की संभावना है और मार्केट में स्टॉक निकाल पाना लगभग असंभव है।