अब रिटेल और होलसेल कारोबार भी MSME के दायरे में, 2.5 करोड़ छोटे व्यापारियों को होगा फायदा

सरकार ने रिटेल और होलसेल बिजनेस को MSME के दायरे में लाने का फैसला किया है. इसका फायदा 2.5 करोड़ छोटे व्यापारियों को होगा. इस फैसले से रिटेल कारोबारियों को बैंक प्रॉयरिटी सेक्टर लेंडिंग का फायदा देंगे.

Update: 2021-07-03 07:28 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। खुदरा तथा थोक व्यापार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (MSME) के दायरे में लाने के सरकार के फैसले को उद्योग संगठनों ने 'ऐतिहासिक' करार दिया है. उसका कहना है कि इससे खुदरा और थोक व्यापार को भी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त कैटिगरी लोन (priority sector lending) उपलब्ध हो सकेगा.

शुक्रवार को दिन में केंद्रीय MSME मंत्री नितिन गडकरी ने खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के तहत लाने की घोषणा की. इससे यह क्षेत्र रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशों के अनुरूप बैंकों की प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी के तहत ऋण का लाभ उठा सकेंगे. उद्योग संगठनों ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए कहा कि इससे महामारी की वजह से मुश्किलों का सामना कर रहे कारोबारी क्षेत्र को राहत मिलेगी.
रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (RAI) ने कहा कि इससे खुदरा सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (MSME) को अपने बचाव, पुनरुद्धार तथा आगे बढ़ने के लिए जरूरी समर्थन मिल सकेगा. आरएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कुमार राजगोपालन ने कहा, ''इस ऐतिहासिक फैसले का क्षेत्र पर संरचनात्मक असर पड़ेगा. इससे क्षेत्र को बेहतर वित्त विकल्प उपलब्ध हो सकेंगे जिससे यह संगठित हो सकेगा.''
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कहा कि इस फैसले के बाद व्यापारी एमएसएमई की श्रेणी में आएंगे और उन्हें बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत कर्ज जुटाने में मदद मिलेगी. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया तथा महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि इसके अलावा व्यापारियों को विभिन्न अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ मिल सकेंगे, जो MSME कैटिगरी को मिलते रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इससे महामारी से प्रभावित व्यापारी बैंकों से आवश्यक धन जुटाकर अपने कारोबार को बहाल कर सकेंगे. गडकरी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि सरकार एमएसएमई को मजबूत करने और उन्हें वृद्धि का इंजन बनाने को प्रतिबद्ध है. संशोधित दिशानिर्देशों से 2.5 करोड़ खुदरा और थोक व्यापारियों को फायदा होगा. इससे वे उद्यम पोर्टल पर पंजीकरण भी कर सकेंगे.


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