हैकिंग का पैसा मिलिट्री प्रोग्राम पर खर्च करता है नॉर्थ कोरिया, चुराए 3000 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी
कोरोना काल में Cryptocurrency के प्रति दीवानगी जिस रफ्तार से बढ़ी है
कोरोना काल में Cryptocurrency के प्रति दीवानगी जिस रफ्तार से बढ़ी है, उसी तरह क्रिप्टो फ्रॉड में भी काफी उछाल आया है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया (North Korea) के हैकर्स ने साल 2021 में 400 मिलियन डॉलर यानी करीब 3000 करोड़ रुपए की क्रिप्टोकरेंसी चुराई है. पिछले साल नॉर्थ कोरियन हैकर्स ने क्रिप्टोकरेंसी प्लैटफॉर्म पर कम से कम 7 दफा हमला किया और 400 मिलियन डॉलर वैल्यु की क्रिप्टोकरेंसी चुराने का काम किया. 2020 के मुकाबले इसमें 40 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है. यह रिपोर्ट ब्लॉकचेन रिसर्च फर्म Chainalysis की तरफ से शेयर की गई है.
कोरियन हैकर्स ने मूल रूप से क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों और इन्वेस्टमेंट फंड्स को निशाना बनाया. इस रिपोर्ट में कहा गया कि नॉर्थ कोरिया की यह हरकत बहुत घटिया है. उसकी पहचान एक ऐसे देश के रूप में विकसित हो रही है जो क्रिप्टोकरेंसी क्राइम को बढ़ावा देने का काम कर रहा है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वहां के शासक किम जोंग उन हैकर्स को सपोर्ट करते हैं.
किम जोंग हैकर्स का सपोर्ट कर रहा है
यूनाइटेड नेशनल सिक्यॉरिटी काउंसिल यानी UNSC का ये भी कहना है कि नॉर्थ कोरिया के शासक हैकर्स की मदद करते हैं. इस फंड की मदद से न्यूक्लियर आर्म प्रोग्राम को सपोर्ट किया जा रहा है. इसके अलावा नॉर्थ कोरिया ग्लोबल सैंक्शन से भी जूझ रहा है जिसके कारण उसकी वित्तीय हालत काफी खराब हो गई है. ऐसे में हैकर्स की मदद से किम जोंग इकोनॉमी को भी सपोर्ट कर रहे हैं.
मिलिट्री बजट का 10 फीसदी यह अमाउंट
रिसर्च फर्म का कहना है कि 2020 में नॉर्थ कोरिया की जितनी बड़ी इकोनॉमी है उसका 1.5 फीसदी यह राशि है. हैकर्स ने जितनी राशि की चोरी की है वह कोरिया के मिलिट्री बजट का 10 फीसदी के करीब है. अमेरिकी नेशनल इंटेलिजेंस का कहना है कि इस फंड का इस्तेमाल किम जोंग न्यूक्लियर प्रोग्राम और मिसाइल प्रोग्राम के लिए करता है.
फंड का सावधानी से होता है इस्तेमाल
रिपोर्ट में कहा गया है कि जब हैकर्स फंड को चुरा लेते हैं फिर बहुत सावधानी से इस फंड की मनी लॉन्ड्रिंग की जाती है. नॉर्थ कोरिया पर आर्थिक प्रतिबंध का दबाव बढ़ता जा रहा है. अमेरिका नए सिरे से प्रतिबंध के बारे में विचार कर रहा है. ऐसे में वहां के विदेश मंत्री ने कहा कि अगर ऐसा कुछ होता है तो परिणाम गंभीर होंगे. बता दें कि पिछले दिनों नॉर्थ कोरिया ने हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया था.
6000 हैकर्स की सेना
माना जा रहा है कि किम जोंग की साइबर सेना में 6000 से ज्यादा सदस्य हैं. इन्हें ब्यूरो 121 के नाम से जाना जाता है. यह साउथ कोरिया और अमेरिका के इंटेलिजेंस रिपोर्ट में दावा किया गया है, हालांकि ये डॉक्युमेंट्स पूरी तरह गुप्त हैं.