एयर इंडिया की बोली को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं, पीयूष गोयल
इससे पहले DIPAM सचिव ने ट्वीट कर उस मीडिया रिपोर्ट को गलत बताया, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि एयर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप की बोली को मंजूरी मिली है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क । एयर इंडिया के लिए फाइनेंशियल बोली पूरी हो चुकी है. हालांकि, अभी तक नाम का ऐलान नहीं किया गया है. इस बीच कई मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया जा रहा है कि टाटा सन्स की बोली को मंजूरी मिली है. टाटा सन्स ने एयर इंडिया के लिए मिनिमम रिजर्व प्राइस के मुकाबले 3000 करोड़ की ज्यादा बोली लगाई है. इस रिपोर्ट को वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक एयर इंडिया को लेकर कोई फैसला नहीं किया है.
इससे पहले दीपम सचिव ने ट्वीट कर उस मीडिया रिपोर्ट को गलत बताया, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि एयर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप की बोली को मंजूरी मिली है. पीयूष गोयल ने इस मुद्दे पर कहा कि एयरलाइन के अधिग्रहण के लिए अंतिम विजेता का चयन निर्धारित प्रक्रिया के जरिए किया जाएगा. उन्होंने कहा, ''मैं एक दिन पहले से दुबई में हूं और मुझे नहीं लगता कि ऐसा कोई निर्णय हुआ है. बेशक बोलियां आमंत्रित की गई थीं … और इनका मूल्यांकन अधिकारियों द्वारा और नियत समय में किया जाता है. इसके लिए एक पूरी तरह से निर्धारित प्रक्रिया है जिसके माध्यम से अंतिम विजेता का चयन किया जाएगा.''
पहले दीपम सचिव ने भी इस रिपोर्ट को नकारा
वह उन मीडिया खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि जिनमें कहा गया था कि टाटा कर्ज में डूबी एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिए शीर्ष बोलीदाता के रूप में उभरी है. सरकार की ओर से निजीकरण का दायित्य संभालने वाले निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा था कि केंद्र ने अब तक एयर इंडिया के लिए किसी वित्तीय बोली को मंजूरी नहीं दी है. उन्होंने ट्वीट किया, ''एयर इंडिया के विनिवेश के मामले में भारत सरकार द्वारा वित्तीय बोलियों को मंजूरी देने वाली मीडिया रिपोर्ट गलत हैं. मीडिया को सरकार के फैसले के बारे में सूचित किया जाएगा.''
UAE के साथ आभूषण, फार्मा बिजनेस में तमाम अवसर
संयुक्त अरब अमीरात के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, फार्मा और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में भारतीय कारोबारियों के लिए काफी अवसर हैं. उन्होंने कहा कि वस्तुओं और सेवाओं दोनों क्षेत्रों में जबर्दस्त संभावनाएं हैं. निवेश पर उन्होंने कहा, ''हमें भारतीय व्यवसायों को यूएई के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करना होगा.''
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