कभी ना बनवाएं फर्जी रेंट एग्रीमेंट, इनकम टैक्स वाले भेज सकते हैं नोटिस

अब ऐसा करना आपको महंगा पड़ सकता है

Update: 2024-04-02 09:30 GMT

बिज़नस: नया वित्तीय वर्ष शुरू हो चुका है. अब लोग वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आईटीआर दाखिल करेंगे. इस दौरान अक्सर देखा जाता है कि टैक्स बचाने के लिए लोग इनकम टैक्स भरते समय फर्जी हाउस रेंट स्लिप लगा देते हैं, लेकिन अब ऐसा करना आपको महंगा पड़ सकता है, क्योंकि अब आईटीआर फाइल करते समय फर्जी हाउस रेंट स्लिप लगाने वालों पर कार्रवाई होगी। . आयकर विभाग सीधे नोटिस भेज रहा है. पकड़े जाने पर कार्रवाई भी हो सकती है. आपको भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.

क्या कहता है विभाग?

आयकर विभाग का कहना है कि आईटीआर फाइल करते समय फर्जी हाउस रेंट स्लिप जमा करना कानूनी तौर पर गलत है और इसे रोकने के लिए आयकर विभाग ने पूरा प्लान तैयार कर लिया है. आईटीआर दाखिल करते समय फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो सकती है। मनी9 की रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में बड़ी संख्या में लोग इनकम टैक्स से बचने के लिए फर्जी हाउस रेंट स्लिप जमा करते हैं, इसे देखते हुए इनकम टैक्स विभाग ने अब इस पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है.

आयकर विभाग ने पिछले साल से ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगाना शुरू कर दिया है, जिसके चलते फर्जी मकान किराया पर्ची जमा करने पर आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस बार आयकर विभाग नई तकनीक पर काम कर रहा है, जिससे फर्जी हाउस रेंट स्लिप के लिए आवेदन करने वालों की पहचान करना आसान हो जाएगा।

इस प्रकार कार्रवाई होती है

आयकर विभाग के मुताबिक, आयकर के नए आईटीआर फॉर्म और संशोधित नए फॉर्म-16 को इस तरह से बनाया गया है कि गलत और फर्जी दस्तावेज दाखिल करने वालों की कंप्यूटर आधारित प्रक्रिया के जरिए आसानी से पहचान की जा सके। यदि किसी व्यक्ति का डेटा कंप्यूटर सत्यापन के दौरान सही नहीं पाया जाता है, तो आयकर विभाग द्वारा सीधे नोटिस भेजा जा सकता है। इसका मतलब यह है कि फर्जी किराया पर्ची लगाने वालों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। आयकर विभाग का कहना है कि नया फॉर्म-16 इलेक्ट्रॉनिक मिलान के माध्यम से फॉर्म में दर्ज डेटा का मिलान करेगा, यानी आयकर विभाग अपने सभी स्रोतों के माध्यम से फॉर्म में भरे गए डेटा का सत्यापन करेगा।

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