इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी को लेकर काम कर रहे नासा और निसान, ये हैं इसकी खूबियां

निसान मोटर कंपनी और अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी नासा मिलकर बैटरी की ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं

Update: 2022-04-09 10:11 GMT
निसान (Nissan) मोटर कंपनी और अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी नासा (NASA) मिलकर बैटरी की ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं जो 15 मिनट में चार्ज होगी. यह बैटरी कई मायनों में अलग होगी .जैसे- वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) में लिथियम आयन बैटरी का इस्‍तेमाल किया जा रहा है जिनमें लिक्विड भरा होता है, लेकिन नई बैटरी ठोस होगी. इसके अलावा इसका आकार छोटा रखा गया है कि ताकि यह कम जगह घेरे. जानिए कितनी अलग होगी नई बैटरी…
यह बैटरी 15 मिनट में कैसे चार्ज होगी इस पर कंपनी ने जानकारी दी है. ब्‍लूमबर्ग की रिपोर्ट में जापानी कंपनी निसान का कहना है, यह एक सॉलिड बैटरी होगी. इसमें अलग तरह के मैटेरियल का इस्‍तेमाल किया गया है. इसलिए सस्‍ती, सुरक्ष‍ित और कम समय में चार्ज होने वाली बैटरी होगी. कंपनी पायलट प्रोजेक्‍ट के तौर पर इस बैटरी को तैयार करने के लिए 2024 से पहले प्‍लांट लगाएगी.
निसान कॉर्पोरेट के वाइस प्रेजीडेंट काजुहिरो डुई का कहना है, हम ऐसी बैटरी बनाने में समर्थ हैं जिसमें लिथियम आयन बैटरी के मुकाबले दोगुनी एनर्जी की क्षमता होगी. इसके लिए नासा की मदद ली गई है. नासा डाटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से इसे बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है.
कंपनी का कहना है, हमारा फोकस है कि इस बैटरी में ऐसे मेटल्‍स का इस्‍तेमाल न हो जो महंगे हैं, ताकि एक किफायती बैटरी तैयार की जा सके. कंपनी के मुताबिक, अगर इस बैटरी का ट्रायल सफल रहता है तो 2028 तक इसे मार्केट में उतारने की कोशिश रहेगी.
कंपनी के मुताबिक, नई बैटरी ऑटो वर्ल्‍ड के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है. यह बैटरी कितनी कारगर साबित हो सकती है, इसके लिए इसका प्रोटोटाइप तैयार करके जापान के योकोहमा में टेस्‍ट‍ भी किया जा रहा है. टेस्‍ट में सामने आने वाले नतीजे तय करेंगे कि यह कितनी किफायती, सुरक्ष‍ित और असरदार है.

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