राखी की थाली में यह चीजें जरूर करें शामिल, भाइयों को मिलेगा आशीर्वाद

रक्षाबंधन का त्‍योहार इस साल 11 अगस्त और 12 अगस्त दोनों दिन मनाया जा सकता है. सावन पूर्णिमा 11 अगस्त को है, लेकिन इस दिन भद्रा काल होने की वजह से कुछ ज्योतिषाचार्यों का कहना है

Update: 2022-08-10 03:12 GMT

रक्षाबंधन का त्‍योहार इस साल 11 अगस्त और 12 अगस्त दोनों दिन मनाया जा सकता है. सावन पूर्णिमा 11 अगस्त को है, लेकिन इस दिन भद्रा काल होने की वजह से कुछ ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि 12 अगस्त को भी सुबह 8 तक अगर राखी बांधी जा सकती है. रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की आरती उतारती हैं. मंगल कामना के लिए बहनें थाली में कौन कौन सी शुभ चीजें रखें, इसे हम आपको बताते हैं.

कैसी हो राखी की थाली

चंदन: राखी की थाली में चंदन हो. चंदन नकारात्‍मकता को दूर करता है. थाली में तिलक जरूर होना चाहिए. क्‍योंकि सनातन धर्म में तिलक को मां लक्ष्‍मी का प्रतीक माना गया है. अगर आप भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं तो मां लक्ष्‍मी की का आशीर्वाद सदा बना रहता है.

कलश: ऐसा कहा जाता है कि कलश में जीवन का अमृत होता है. कलश जीवन का पोषण करता है और हिन्‍दू मान्‍यताओं के अनुसार मां लक्ष्‍मी अपने हाथ में कलश रखती हैं. जो ज्ञान का प्रतीक है.

दीया: थाली में दीया जरूर हो. क्‍योंकि दीये से प्रकाश आता है और प्रकाश जीवन में सकारात्‍मकता लाता है. इसके अलावा दीये को आनंद और खुशी का प्रतीक माना जाता है. इसे थाली में रखना जरूरी है.

मिठाई: मिठाई खुशी का प्रतीक होती है. इसे सबसे पहले मां लक्ष्‍मी को भोग लगाया जाता है फिर आशीर्वाद के रूप में सभी को बांटा जाता है.

राखी: राखी रेशम का धागा ही नहीं होता बल्कि दो पवित्र अटूट रिश्‍तों को दर्शाता है. राखी का धागा उस वादे की भी याद दिलाता है. जिसे एक भाई अपनी बहन की रक्षा करने के लिए करता है.

इस मंत्र का करें प्रयोग

ग्रंथों और श्रुतियों के मुताबिक, राखी बांधते समय अगर मंत्र पढ़ा जाएं तो बेहद शुभ माना जाता है. बहनों को राखी बांधते समय इन मंत्रों का उपयोग करना चाहिए.

मंत्र

येन बद्धो बलि राजा,दानवेन्द्रो महाबलः ।

तेन त्वाम प्रति बच्चामि रक्षे, मा चल मा चल।

 

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