सुप्रीम कोर्ट ने जानेमाने उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार के सदस्यों को उच्चतम स्तर की Z+ सुरक्षा कवर प्रदान करने का निर्देश दिया है। यह सुरक्षा कवर उन्हें पूरे पूरे भारत और विदेशों में दिया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि भारत या विदेश में उच्चतम स्तर की Z+ सुरक्षा कवर प्रदान करने की पूरी लागत उनकी ओर से वहन की जाएगी।
न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्ला की पीठ ने कहा कि जब मुकेश अंबानी और उनका परिवार भारत के भीतर है तो महाराष्ट्र राज्य और गृह मंत्रालय को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी है। जब वे विदेश यात्रा कर रहे हैं तो गृह मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा।
यह देखते हुए कि अंबानी परिवार को प्रदान की गई सुरक्षा का मुद्दा देश के विभिन्न हिस्सों में मुकदमेबाजी का विषय है, पीठ ने विवादों को शांत करने के लिए वर्तमान आदेश पारित किया। पीठ ने यह आदेश बिकास साहा नाम व्यक्ति की ओर से दायर एक आवेदन में पारित किया।
इस याचिका में त्रिपुरा उच्च न्यायालय के उन अंतरिम आदेशों को चुनौती दी गई थी, जिनमें गृह मंत्रालय को मुकेश अंबानी, उनकी पत्नी नीता अंबानी और उनके बच्चों आकाश, अनंत और ईशा के संबंध में खतरे की धारणा के बारे में मूल फाइलें पेश करने का निर्देश दिया गया था। उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि गृह मंत्रालय का एक अधिकारी 28 जून, 2022 को सीलबंद लिफाफे में संबंधित फाइलों के साथ उसके समक्ष पेश होना चाहिए।
जून 2022 में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ ने फाइलों को पेश करने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों पर रोक लगा दी थी। 22 जुलाई 2022 को सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने अपने साथ-साथ त्रिपुरा उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका को बंद करना उचित समझा था। इसने उस रिट याचिका को बंद कर दिया जिसमें केंद्र सरकार को निर्देश दिया गया कि वह अंबानी परिवार को उनके खर्च पर पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करे।
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