MSME: उपभोक्ता मंत्रालय की प्रस्तावित ई-कॉमर्स नीतियों से छोटे कारोबारी असहज

एमएसएमई सेक्टर का एक बड़ा वर्ग ई-कॉमर्स को लेकर उपभोक्ता मंत्रालय की प्रस्तावित नीतियों के पक्ष में नहीं दिख रहा है।

Update: 2021-07-07 16:33 GMT

नई दिल्ली। एमएसएमई सेक्टर का एक बड़ा वर्ग ई-कॉमर्स को लेकर उपभोक्ता मंत्रालय की प्रस्तावित नीतियों के पक्ष में नहीं दिख रहा है। इस वर्ग के छोटे-मझोले कारोबारियों का कहना है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से वे देशभर में अपने सामानों की बिक्री कर सकते हैं। नए नियम से ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का कारोबार प्रभावित होने की स्थिति में उनके सीधे नुकसान की आशंका है।

एमएसएमई फोरम ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। इन कंपनियों के अनुसार गांवों व शहरों में सैकड़ों ऐसे छोटे उद्यमी एवं कारोबारी हैं जिनके पास अपने उत्पाद की मार्के¨टग करने या अपनी दुकान शुरू करने के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं होती है। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की वजह से गांवों के बुनकर, हस्तशिल्प निर्माता एवं छोटे कारोबारी अच्छी कमाई कर रहे हैं।
प्रस्तावित नए नियमों से ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के हतोत्साहित होने की आशंका है जिससे ये इन छोटे कारोबारियों का विकास थम सकता है। प्रस्तावित नियमों में फ्लैश सेल व डिस्काउंट जैसे प्रविधान पर अंकुश की बात की गई है, जो ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर होने वाली बिक्री को प्रभावित करेगी।
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