महंगे होते खाने के तेल पर हरकत में आई मोदी सरकार, आज होगी अहम बैठक

त्योहारी सीजन में महंगे होते खाने के तेल को लेकर केंद्र सरकार हरकत में आई है.

Update: 2021-10-25 04:12 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। त्योहारी सीजन में महंगे होते खाने के तेल को लेकर केंद्र सरकार हरकत में आई है. केंद्र सरकार ने कहा कि वह त्योहारी सीजन के दौरान मांग बढ़ने के कारण खाना पकाने के तेलों (Cooking Oils) की कीमतों की निगरानी कर रहा है और 25 अक्टूबर को राज्यों के साथ अपने स्टॉक होल्डिंग लिमिट ऑर्डर पर की गई कार्रवाई की समीक्षा के लिए वर्चुअल बैठक करेगा. बता दें कि केंद्र सरकार ने 10 अक्टूबर को घरेलू कीमतों को कंट्रोल करने और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए, कुछ आयातकों और निर्यातकों को छोड़कर, खाद्य तेलों और तिलहनों के व्यापारियों पर 31 मार्च तक स्टॉक सीमा लगा दी थी.

राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को उस विशेष राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के उपलब्ध स्टॉक और खपत पैटर्न को ध्यान में रखते हुए खाद्य तेलों और तिलहन पर लगाए जाने वाले स्टॉक की सीमा तय करनी थी. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग 25 अक्टूबर, 2021 को सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से खाद्य कीमतों पर स्टॉक सीमा आदेश पर की गई कार्रवाई की समीक्षा करने के लिए बैठक करेगा.
कीमतें कम करने के लिए सप्लाई की हो रही निगरानी
राज्यों को लिखे पत्र में, विभाग ने उपभोक्ता की राहत के लिए और त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने के लिए केंद्र द्वारा की गई पहल की रूपरेखा तैयार की है. बयान में कहा गया है कि विभाग खाद्य तेलों की कीमतों के साथ-साथ घरेलू आपूर्ति की निगरानी कर रहा है. यह आगामी त्योहारी सीजन के संदर्भ में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जिसमें खाद्य तेलों की मांग बढ़ेगी.
उठाए गए ये कदम
केंद्र ने पहले ही ऊंची कीमतों को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें पाम तेल, सूरजमुखी तेल और सोयाबीन तेल के आयात शुल्क में बड़ी कटौती शामिल है. इसके अलावा, विभाग ने कहा कि स्टॉक डिस्कोजर नोटिफिकेशन जारी की गई है और देश में साप्ताहिक आधार पर खाद्य तेलों / तिलहनों के स्टॉक की निगरानी के लिए एक वेब पोर्टल बनाया गया है.
विभाग ने नोट किया कि खाद्य तेलों की मांग उपभोक्ताओं की पसंद के अनुसार अलग-अलग राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग होती है. हालांकि, खाद्य तेलों और तिलहनों की स्टॉक सीमा को अंतिम रूप देने के लिए, राज्य / केंद्रशासित प्रदेश द्वारा खाद्य तेलों और तिलहनों के लिए लगाई गई पिछली स्टॉक सीमा पर विचार कर सकते हैं.


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