मोदी कैबिनेट की बैठक आज, उत्पादन बढ़ाने के साथ रोजगार के भी बनेंगे अवसर

केंद्र सरकार बुधवार को ऑटो सेक्टर के लिए करीब 57 हजार करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना यानी पीएलआई स्कीम को मंजूरी दे सकती है।

Update: 2021-09-08 03:04 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्र सरकार बुधवार को ऑटो सेक्टर के लिए करीब 57 हजार करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना यानी पीएलआई स्कीम को मंजूरी दे सकती है। इस योजना के तहत न सिर्फ ऑटो कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने में सहारा मिलेगा बल्कि एक्सपोर्ट के मोर्चे पर भी भारत की पकड़ और मजबूत होगी। साथ ही देश में नौकरियों के मौके भी बढ़ेंगे।

आठ सितंबर को संभावित कैबिनेट बैठक में इसे अंतिम मंजूरी दी जा सकती है। भारी उद्योग मंत्रालय ने इस बारे में प्रस्ताव तैयार करके केबिनेट को भेज दिया है। पिछले कुछ हफ्तों से लगातार इस बारे में तैयारी की जा रही थी। इससे जुड़े विभागों और नीति आयोग के बीच भी कई दौर की बातचीत में योजना पर मंथन किया गया था। साथ ही कैबिनेट सचिव की अगुवाई में हुई बैठक में भी इसके स्वरूप को मंजूरी मिल चुकी है।
उल्लेखनीय है कि देश का वाहन क्षेत्र पिछले कई साल से सुस्ती का सामना कर रहा है। कोरोना संकट ने इसे और बढ़ा दिया है। इसके मद्देनजर सरकार वाहन क्षेत्र को गति देने के लिए चौतरफा प्रयास कर रही है। वाहन क्षेत्र की बड़ी कंपनियों से सूक्ष्म,छोटे एवं मझौले (एमएसएमई) क्षेत्र की हजारों कंपनियां जुड़ी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे में वाहन क्षेत्र में पीएलआई से एमएसएमई को भी फायदा होगा। साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ने और निर्यात में वृद्धि से अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार मिलेगी। उद्योग के अनुमान के अनुसार एक वाहन के निर्माण में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तीन लोगों को रोजगार मिलता है।


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चीन को पछाड़ने की तैयारी

सरकार का लक्ष्य अगले पांच साल में ऑटो एक्सपोर्ट बढ़ाकर 30 अरब डॉलर करने का है। ऐसे में न सिर्फ उत्पादन बल्कि इस क्षेत्र में रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे। दरअसल तमाम दिग्गज ऑटो कंपनियां, चीन के अलावा बाकी देशों में अपने कारोबार को फैलाने के मौके तलाश रही हैं। ऐसे में भारत भी अपनी नीतियों को ऐसा बना रहा है जो देश के आर्थिक विकास के साथ साथ कंपनियों के निवेश के लिए भी फायदेमंद हों। यही वजह है कि सरकार देश में निवेश करके यहां से उत्पादन करते हुए दुनियाभर में एक्सपोर्ट बढ़ाने के मॉडल पर काम कर रही है।

सेमीकंडक्टर की कमी से वाहनों की आपूर्ति घटेगी: फाडा

चिप की कमी की वजह से त्योहारी सीजन के दौरान यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री पटरी से उतर सकती है। वाहन डीलरों के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने यह आशंका जताई है। इस समय सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से वाहन कंपनियां डीलरों को आपूर्ति पर्याप्त रखने के लिए संघर्ष कर रही हैं। फाडा ने सेमीकंडक्टर की कमी को एक बड़ा संकट करार देते हुए कहा कि विशेषरूप से यात्री वाहनों के डीलरों के लिए त्योहारी सीजन ठंडा रहेगा। इससे डीलरों के पास पर्याप्त भंडार नहीं होगा और व्यस्त त्योहारी सीजन की अवधि के दौरान उनके पास मॉडलों की उपलब्धता कम रहेगी। हाल के समय में वैश्विक स्तर पर वाहन उद्योग में सेमीकंडक्टर का प्रयोग काफी तेजी से बढ़ा है।


प्रौद्योगिकी में सुधार और नए मॉडलों में अधिक से अधिक इलेक्ट्रॉनिक फीचर्स मसलन ब्लूटूथ कनेक्टिविटी और ड्राइवर एसिस्ट, नेविगेशन तथा हाइब्रिड इंजन प्रणाली के इस्तेमाल की वजह से सेमीकंडक्टर के प्रयोग में काफी तेजी आई है। फाडा के अध्यक्ष विन्केश गुलाटी ने बयान में कहा, ''वाहन डीलरों को अपने कारोबार के सबसे चुनौतीपूर्ण दौर से गुजरना पड़ रहा है। कोविड-19 महामारी का प्रभाव अभी जारी है। पिछले साल तक मांग की चुनौती थी, अब सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से आपूर्ति बड़ी समस्या के रूप में उभर रही है। हालांकि, अब यात्री वाहनों की मांग ऊंची है।

यात्री वाहनों की बिक्री अगस्त में 39 प्रतिशत बढ़ी

फाडा ने कहा कि अगस्त में यात्री वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर 39 प्रतिशत बढ़कर 2,53,363 इकाई पर पहुंच गई। अगस्त, 2020 में यात्री वाहनों की बिक्री 1,82,651 इकाई रही थी। समीक्षाधीन महीने में दोपहिया वाहनों की बिक्री सात प्रतिशत बढ़कर 9,76,051 इकाई पर पहुंच गई, जो एक साल पहले समान महीने में 9,15,126 इकाई रही थी। इस दौरान वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 98 प्रतिशत के उछाल के साथ 53,150 इकाई रही। अगस्त, 2020 में यह आंकड़ा 26,851 इकाई का था। तिपहिया की बिक्री इस दौरान 80 प्रतिशत बढ़कर 30,410 इकाई रही, जो एक साल पहले समान महीने में 16,923 इकाई रही थी। अगस्त में विभिन्न श्रेणियों में कुल वाहन बिक्री 14 प्रतिशत बढ़कर 13,84,711 इकाई पर पहुंच गई। अगस्त, 2020 में कुल वाहन बिक्री 12,09,550 इकाई रही थी


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