आईडीबीआई बैंक में रणनीतिक हिस्सेदारी की बिक्री प्रक्रिया के मदद को लेकर मर्चेंट बैंकर्स ने दिया ये जवाब
आईडीबीआई बैंक में रणनीतिक हिस्सेदारी की बिक्री प्रक्रिया में मदद के लिए बोली जमा कराने वाले ज्यादातर मर्चेंट बैंकरों ने कहा है कि इस प्रक्रिया को पूरा करने में एक साल का समय लगेगा.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के नियंत्रण वाले आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में रणनीतिक हिस्सेदारी की बिक्री प्रक्रिया में मदद के लिए बोली जमा कराने वाले ज्यादातर मर्चेंट बैंकरों ने कहा है कि इस प्रक्रिया को पूरा करने में एक साल का समय लगेगा. निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के समक्ष प्रस्तुतीकरण में ज्यादातर पात्र लेनदेन सलाहकारों ने आईडीबीआई के निजीकरण की प्रक्रिया के विभिन्न चरणों को पूरा करने के लिए 50 से 52 सप्ताह का समय मांगा है. बाजार सूत्रों ने यह जानकारी दी.
सूत्रों ने बताया कि रणनीतिक बिक्री की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सात बोलियां…..डेलॉयट टच तोहमात्सु इंडिया एलएलपी (Deloitte Touche Tohmatsu India LLP), अनर्स्ट एंड यंग एलएलपी (Ernst and Young LLP), आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लि. (ICICI Securities Ltd), जेएम फाइनेंशियल लि. (JM Financial Ltd), केपीएमजी (KPMG), आरबीएसए कैपिटल एडवाइजर्स एलएलपी (RBSA Capital Advisors LLP) और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स (SBI Capital Markets Ltd) मिली हैं.
दीपम (DIPAM) ने सरकार की ओर से आईडीबीआई बैंक की रणनीतिक हिस्सेदारी की बिक्री को पूरा करने के लिए लेनदेन सलाहकारों की नियुक्ति को जून में निविदा निकाली थी. बोलियां जमा कराने की अंतिम तिथि 13 जुलाई थी.
केपीएमजी ने सबसे कम 1 रुपये की बोली लगाई थी. बाजार सूत्रों ने बताया कि उसे लेनदेन सलाहकार चुना गया है. यह कंपनी एक रुपये में सरकार की रणनीतिक बिक्री में मदद करेगी.
IDBI बैंक में सरकार की हिस्सेदारी 45.48 फीसदी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस साल मई में आईडीबीआई के रणनीतिक विनिवेश तथा प्रबंधन नियंत्रण के स्थानांतरण को सैद्धान्तिक मंजूरी दी थी. केंद्र सरकार और एलआईसी के पास कुल मिलाकर बैंक की 94 प्रतिशत हिस्सेदारी है. 49.24 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ फिलहाल एलआईसी के पास प्रबंधन नियंत्रण है. सरकार के पास बैंक की 45.48 प्रतिशत हिस्सेदारी है. गैर-प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 5.29 प्रतिशत है.
बता दें कि बीमा कंपनी एलआईसी ने जनवरी 2019 में आईडीबीआई बैंक में नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल की थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के अपने बजट में कहा था कि आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया चालू वित्त वर्ष में पूरी हो जाएगी. सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष में अल्पांश हिस्सेदारी बिक्री और निजीकरण से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाना है.