मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई मई के मुकाबले हल्की गिरकर 57.8 रही

Update: 2023-07-03 15:12 GMT
देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां अच्छी गति से चल रही हैं और जून का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई डेटा इसका सबूत है। इस साल जून महीने में अब तक का दूसरा सबसे अच्छा मैन्युफैक्चरिंग आंकड़ा आया है. एसएंडपी ग्लोबल के हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र के लिए परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) का आंकड़ा जून में 57.8 पर आया, जो पिछले महीने मई की तुलना में थोड़ा कम है।
मई में मैन्युफैक्चरिंग PMI कितना था?
मई में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई का आंकड़ा 58.7 रहा, जो लगातार दो साल से 50 से ऊपर का आंकड़ा दिखा रहा है. जून में भी ये मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई डेटा 50 से ऊपर रहा है, जो 2 साल से भी ज्यादा की तेजी को बरकरार रखे हुए है.
जून में मामूली गिरावट की वजह क्या रही?
उच्च मुद्रास्फीति के दबाव के बावजूद स्वस्थ मांग के कारण जून में आर्थिक विनिर्माण गतिविधि में तेजी आई। हालांकि आंकड़े बताते हैं कि मई में स्थिति कुछ बेहतर थी. देश में अच्छी उत्पादन वृद्धि से यह भी संकेत मिलता है कि रोजगार के मोर्चे पर स्थिति बेहतर होगी। यह औद्योगिक मांग और उत्पादन के बीच अच्छे संतुलन का भी संकेतक है।
विनिर्माण पीएमआई क्या है?
मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई की संख्या 50 से अधिक आने का मतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है और विनिर्माण गतिविधियों की गति अच्छी है। वहीं, अगर यह 50 से नीचे रहता है तो इसका मतलब है कि अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है।एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के इकोनॉमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पोलियाना डी लीमा ने कहा कि यह आंकड़ा बताता है कि भारत में बने सामानों की अच्छी मांग बनी हुई है। यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों के लिए लागू है। सकारात्मक ग्राहक समर्थन के कारण विनिर्माण उद्योग को मजबूती मिली है।
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