एलआईसी की निवेश प्लस पॉलिसी बचत और सुरक्षा दोनों के लिहाज से बेहतर है, जानिए स्कीम की खासियत

एलआईसी की निवेश प्लस पॉलिसी बचत और सुरक्षा दोनों के लिहाज से बेहतर है. इसमें 4 तरह के फंड्स का विकल्प मिलता है. पॉलिसी में आप एक बार ​किस्त भरकर ​अच्छा रिटर्न पा सकते हैं.

Update: 2021-06-27 02:45 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बेहतर भविष्य के लिए बचत करना अच्छी बात है, लेकिन सही वक्त पर सही स्कीम में इंवेस्ट करना समझदारी कहलाती है. ऐसे में अगर आप ऐसी स्कीम की तलाश में जिसमें लॉन्ग टर्म में बेहतर रिटर्न मिले, इसके लिए एलआईसी की निवेश प्लस (LIC Nivesh Plus Plan) एक अच्छी स्कीम है. इस पॉलिसी में आपको बीमा के अलावा निवेश का भी मौका मिलता है. इस स्कीम की खास बात यह है कि इसमें आपको हर महीने या नियमित अंतराल पर किस्त चुकाने की जरूरत नहीं है. आप महज एक बार प्रीमियम भरकर इस पॉलिसी का लाभ ले सकते हैं.

एलआईसी की निवेश प्लस एक सिंगल प्रीमियम, नॉन पार्टिसिपेटिंग, यूनिट-लिंक्ड और व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसी है. इस स्कीम में आप कम निवेश करके भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इस प्लान को आप ऑफलाइन के साथ साथ ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं. पॉलिसी लेने वाले को बेसिक सम एश्योर्ड चुनने की भी सुविधा मिलती है.
4 तरह के फंड्स का मिलता है विकल्प
इस प्लान में 4 तरह के फंड उपलब्ध हैं. इनमें बॉन्ड फंड, सिक्योर्ड फंड, बैलेंस्ड फंड और ग्रोथ फंड शामिल है. आप इनमें से किसी में भी अपनी इच्छा के मुताबिक निवेश कर सकते हैं. निवेश प्लस स्कीम के लिए न्यूनतम प्रवेश आयु 90 दिन से 70 साल है. जबकि अधिकतम मैच्योरिटी आयु 85 साल है. पॉलिसी का टेन्योर 10 से 35 साल है. इसमें लॉक-इन पीरियड 5 साल का है यानी इसमें 5 साल से पहले पैसा नहीं निकाला जा सकता है. इसके अलावा पॉलिसी में न्यूनतम निवेश सीमा एक लाख रुपए है.
गारंटीड एडिशन है शामिल
एलआईसी के निवेश प्लस स्कीम में सिंगल को गारंटीड एडिशन के तौर पर जोड़ा जाता है. ये पर्सेंटेज में होता है. निर्दिष्ट पॉलिसी वर्षों के अंत में यूनिट फंड में जोड़ा जाएगा. जैसे- पॉलिसी वर्ष का 6 साल में पॉलिसी बंद करने पर 3% गारंटीड एडिशन, 10 वर्ष पर 4%, 15 साल में 5%, 20 वर्ष में 6% और 25 वर्ष में 7% गारंटीड एडिशन को आवंटित गारंटीकृत अतिरिक्त इकाइयों में परिवर्तित किया जाएगा. अब जिस तारीख से पॉलिसी ली गई है उसमें जोड़ा जाता है.
पॉलिसी के फायदे
1.निवेश प्लस के तहत अगर पॉलिसीहोल्डर पॉलिसी टर्म तक जिंदा रहता है, तो उसे मैच्योरिटी बेनिफिट मिलता है जो यूनिट फंड मूल्य के बराबर होता है.
2.इसमें फ्री-लुक पीरियड की भी सुविधा दी जाती है. इस दौरान ग्राहक पॉलिसी को वापस कर सकते हैं. यदि कंपनी से पॉलिसी सीधे खरीदी जाती है तो 15 दिन और ऑनलाइन खरीदी जाती है तो 30 दिन का फ्री-लुक पीरियड होता है.
3.अगर पॉलिसी अवधि के दौरान बीमाधारक की मृत्यु हो जाती है, तो नॉमिनी को डेथ बेनिफिट प्राप्त करने का अधिकार होता है.
4.इस पॉलिसी में कंपनी ग्राहकों को 6वें साल से आंशिक निकासी की अनुमति देती है.


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