ओडिशा की सीमा से सीखें- छत पर कैसे करें किचन गार्डनिंग

कोरोना महामारी को आए करीब डेढ़ साल होने को हैं

Update: 2021-06-13 13:02 GMT

कोरोना महामारी को आए करीब डेढ़ साल होने को हैं. भारत में पहला लॉकडाउन लगाए जाने से जोड़ें तो भी 14 महीने होने को हैं. लॉकडाउन के दौरान दुनियाभर के लोगों ने 'कोरोना काल' को 'अवसर काल' में तब्दील किया है. बहुत सारे लोगों ने कमाई के दूसरे रास्ते तलाशे, बहुत सारे लोगों ने इस दौरान अपने शौक को प्रोफेशन में बदला, बहुत सारे लोगों ने नई-नई चीजें सीखी और बहुत सारे लोगों ने नवाचार की अनोखी मिसाल भी पेश की.

ओडिशा के भुवनेश्वर में ऐसा ही एक उदाहरण देखने को मिला है, जहां एक महिला ने अपने घर की छत को जैविक किचन गार्डनिंग में तब्दील कर दिया है. महिला ने छत पर तुलसी, अदरक, नीम, गिलोय, अजवाइन और नींबू जैसे जैविक पौधे लगाकर पर्यावरण को भी शुद्ध किया और उनकी मदद से अपने परिवार को कोरोना मुक्त रखने में भी सफल रहीं
नीम, गिलोय, तुलसी, अदरक, नींबू जैसे पौधे लगाए
हम बात कर रहे हैं, ओडिशा की रहने वाली सीमा बिस्वाल के बारे में, जिन्होंने अपने गार्डनिंग के शौक को लॉकडाउन के दौरान विस्तार दिया. हुआ यूं कि कोरोना के कारण लॉकडाउन काल में उनके पास काफी समय की बचत होने लगी. ऐसे में सीमा ने अपने घर की छत पर 'किचन गार्डनिंग' का मन बना लिया.
उन्होंने अपने घर की छत पर तुलसी, अदरक, नीम, गिलोय, नींबू जैसे इम्यूनिटी बढ़ाने वाले अनेक गुणकारी पौधे लगाए. आज अपने किचन गार्डन से सीमा न केवल अपनी जरूरतों की सब्जियां ले रही हैं बल्कि औषधीय गुण वाले पौधों से काढ़ा तैयार कर अपने परिवार के लोगों को पिला रही हैं.
किचन गार्डन: एक साथ मिलेंगे इतने फायदे
सीमा बताती हैं कि उन्होंने अपने घर की छत पर हल्दी, तुलसी, अजवाइन जैसे तमाम पौधे लगाए हैं. वहीं सब्जियों में लौकी, मिर्ची, साग, सहजन, नींबू इत्यादी के पौधे लगाए हैं. वह बताती हैं कि किचन गार्डन में समय बिताने से फिजिकल एक्सरसाइज तो होती ही है, साथ ही साथ दिमाग भी तर-ओ-ताजा बना रहता है.
आगे कहती हैं कि किसी इंसान का पौधों के बीच रहना, उनको महसूस करना और पौधों से बात करना बेहद अनोखा एहसास देता है. मैं जब कभी अपने किचन गार्डन में आती हूं तो पौधे लगता है जैसे मेरा वेल्कम कर रहे हो.


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