लक्ष्मी विलास बैंक का DBS बैंक में हुआ विलय, बैंक से पैसे निकालने की लिमिट भी हुई खत्म
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया, इस फैसले से बैंक के 20 लाख डिपॉजिटर और 4 हजार कर्मचारियों को राहत मिलेगी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। लक्ष्मी विलास बैंक का शुक्रवार को सिंगापुर के DBS बैंक की भारतीय इकाई में विलय हो जाएगा। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा DBS बैंक में लक्ष्मी विलास बैंक (LVB) के मर्जर के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के तुरंत बाद RBI ने शुक्रवार से दोनों बैंकों के विलय को प्रभावी बराने की घोषणा कर दी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट बैठक के बाद बताया कि इस फैसले से बैंक के 20 लाख डिपॉजिटर और 4 हजार कर्मचारियों को राहत मिलेगी।
बता दें कि अब बैंक के खातों से अधिकतम 25 हजार रुपए की रकम निकालने की जो लिमिट थी, उसे भी हटा लिया गया है। इससे पहले 17 नवंबर को केंद्र सरकार ने लक्ष्मी विलास बैंक पर एक महीने के लिए मोरेटोरियम लगा दिया था।
स्वदेशी बैंक को बचाने के लिए विदेशी बैंक से मदद
यह पहला मौका है जब देश में मुश्किल में फंसे किसी बैंक को डूबने से बचाने के लिए विदेशी बैंक की मदद ली जा रही है। दरअसल, लक्ष्मी विलास बैंक पिछले तीन साल से घाटे में चल रही थी। इसके बाद नवंबर में सरकार ने इस पर मोरेटोरियम लगाया गया था। इसमें ग्राहकों के लिए बैंक से पैसे निकालने की अधिकतम सीमा 25 हजार रुपए तय कर दी गई थी।
इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने कंपनी कानून 2013 के तहत लक्ष्मी विलास बैंक के DBIL में मर्जर की योजना का मसौदा भी सार्वजनिक किया था। रिजर्व बैंक ने LVB के बोर्ड को भंग कर दिया था और केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन टीएन मनोहरन को 30 दिन के लिए बैंक का प्रशासक नियुक्त किया था।
DBS को मर्जर से क्या मिलेगा?
इस डील के तहत DBS को लक्ष्मी विलास बैंक की 563 ब्रांच और 974 ATM मिलेंगे। माना जा रहा है कि DBS बैंक इंडिया को भारत के बड़े शहरों के बाहर अपनी सेवाओं का विस्तार करने में मदद मिलेगी। LVB के मर्जर से DBS को दक्षिण भारत के तमिलनाडु में अपनी पैठ बनाने में मदद मिल सकती है। DBS बैंक मूल रूप से सिंगापुर का बैंक है। इसे डेवलपमेंट बैंक ऑफ सिंगापुर लिमिटेड के नाम से भी जाना जाता है।
बैंकों का बुरा हाल
इस साल लक्ष्मी विलास बैंक दूसरा बैंक है, जिसे संकट से निकालने की जरूरत पड़ी है। किसी बैंक को संकट से निकाले जाने का पिछले 15 महीने में यह तीसरा अवसर है। इससे पहले सितंबर 2019 में PMC बैंक और इस साल मार्च में यस बैंक की हालत पस्त हो गई थी। बता दें कि लक्ष्मी विलास बैंक 94 साल पुराना बैंक है।