जानिए EPF में निवेश और निकासी को लेकर टैक्स संबंधी क्या हैं नियम

टैक्सपेयर्स रिटर्न फाइल करने के लिए पूरी तरह तैयार है। तैयारी अभी से इसलिए क्योंकि आपको अपने निवेश को देखना है, कितना टैक्स लाएबिलिटी बन रहा है

Update: 2020-10-26 11:00 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| टैक्सपेयर्स रिटर्न फाइल करने के लिए पूरी तरह तैयार है। तैयारी अभी से इसलिए क्योंकि आपको अपने निवेश को देखना है, कितना टैक्स लाएबिलिटी बन रहा है उसे देखना है और उस हिसाब से आगे के लिए भी तैयारी करनी है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि प्रविडेंट फंड में निवेश करने को लेकर टैक्स संबंधी क्या नियम हैं।

कंट्रीब्यूशन का लाभ 80सी के तहत

अगर आप सैलरीड इंडिविजुअल हैं तो सैलरी का कुछ हिस्सा हर महीने पीएफ अकाउंट में जाता है। बता दें कि आपका पीएफ अमाउंट जितना भी कटता है वह इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन में आता है। अगर आप ईपीएफ फंड से पैसा निकासी करते हैं तो तब यह टैक्सेबल होता है आपके अमाउंट से टीडीएस काट लिया जाता है। हालांकि टैक्सेबल होने को लेकर भी विशेष नियम है।

पांच साल से पहले निकासी पर टैक्स

कानून के मुताबिक अगर लगातार पांच साल नौकरी नहीं की और उस परिस्थिति में पीएफ अकाउंट से पैसे निकाले जाते हैं तो टीडीएस काट लिया जाएगा। पांच साल से मतलब केवल एक संस्थान से नहीं होता है। अगर आपका पीएफ अकाउंट एक संस्थान से दूसरे संस्थान में ट्रांसफर हो रहा है तो यह इसमें लगातार कैलकुलेट होता है। ऐसे में पांच साल से ज्यादा होने पर टीडीएस नहीं काटा जाता है।

टेम्पररी जॉब का पीरियड काउंट नहीं

अगर एक संस्थान में आप एक साल के लिए टेम्पररी बेसिस पर हैं और उसके बाद परमानेंट नौकरी लगती है और साढ़े चार साल बाद नौकरी छोड़ देते हैं। ऐसे कंडिशन में आपका पीएफ अकाउंट मैच्योर नहीं माना जाएगा क्योंकि यह साढ़े चार साल ही पुराना है। ऐसे में टीडीएस काट लिया जाएगा। उसी तरह एक फंड को टैक्स बेनिफिट के लिए रेकॉगनाइज होना जरूरी है।

डिडक्शन का दावा किया है तो

पीएफ फंड से पैसे निकासी करने पर टैक्स का नियम काफी पेचीदा है। आपके पीएफ फंड में चार कंपोनेंट होते हैं। एंप्लॉयी का कंट्रीब्यूशन, एंप्लॉयर का कंट्रीब्यूशन, और दोनों पर इंट्रेस्ट की राशि।अगर आपने इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80C के तहत PF में निवेश पर टैक्स छूट का दावा किया है। अगर आपने अपने PF योगदान पर इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80C के तहत कर छूट ले लिया है तो आपके हाथ में आने पर इस रकम पर आपको चारों मद पर टैक्स चुकाना पड़ेगा। इनकम टैक्स कानून के शेड्यूल IV के नियम 9 के मुताबिक इस तरह की रकम निकासी पर असंगठित PF नियम लागू होंगे और चारों मद पर टैक्स चुकाना पड़ेगा।

डिडक्शन का दावा नहीं किया है तो

अगर पिछले सालों में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त आपने सेक्शन 80C के तहत PF में योगदान पर आयकर छूट नहीं लिया है तो पीएफ से रकम निकालते वक्त आपको कुल रकम पर टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा। आपको नियोक्ता के योगदान और उस पर मिले ब्याज के साथ आपके योगदान पर मिले ब्याज, तीनों रकम पर ही टैक्स चुकाने की जरूरत है। इस पर आपको अपने मौजूदा टैक्स स्लैब के हिसाब से ही कर चुकाना पड़ेगा।"

Tags:    

Similar News

-->