नई दिल्ली। वित्त, बाजार और पोर्टफोलियो को लेकर बात करने वाले फाइनेंशियल प्लानर्स और विशेषज्ञों की बातचीत में एसेट एलोकेशन शब्द का इस्तेमाल बार-बार देखने को मिलता है। क्या आपने सोचा है कि वे हमेशा एसेट एलोकेशन पर ध्यान क्यों देते हैं और आपके निवेश में इसका क्या महत्व होता है? एसेट एलोकेशन निवेश का एक प्रमुख घटक है और सफलता की एक जरूरी कुंजी है। आइए, इस बात को समझने का प्रयास करते हैं कि ऐसा क्यों है और अपने फायदे को बढ़ाने के लिए आप किस तरह इसका पर्याप्त इस्तेमाल कर सकते हैं।
एसेट एलोकेशन क्या है?
एसेट एलोकेशन अपने लक्ष्य और जोखिम वहन करने की क्षमता के अनुसार स्टॉक, बॉन्ड्स, नकदी, सोना और अन्य एसेट क्लासेज में निवेश को बांटने की प्रक्रिया है। अच्छे तरीके से किया गया एसेट अलोकेशन आपके पोर्टफोलियो को स्थिरता देता है और जोखिम एवं रिवार्ड से जुड़े समीकरण को एक तरह का संतुलन प्रदान करता है। आइए, जानते हैं कि सही एसेट एलोकेशन के क्या फायदे हैं।
आपके पोर्टफोलियो को स्थिरता प्रदान करता है
मुश्किल परिस्थितियों में आसानी से आगे बढ़ने के लिए पोर्टफोलियो में स्थिरता का होना जरूरी होता है। सही एसेट एलोकेशन इसे सुनिश्चित करता है। उदाहरण के लिए, महामारी के समय में जब इक्विटी मार्केट में काफी उथल-पुथल देखने को मिली थी, उसी समय सोना ने शानदार रिटर्न दिया था। सोना निवेशकों के लिए सेफ हैवेन साबित हुआ और काफी अधिक फायदा देने वाला साबित हुआ। कुल-मिलाकर इसने पोर्टफोलियो को उस प्रकार की स्थिरता प्रदान की, जिसकी जरूरत मुश्किल समय में थी।
सभी एसेट श्रेणियों से फायदा बनाना
बाजार की घटनाएं एसेट की विभिन्न श्रेणियों को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करती हैं। कुछ एसेट श्रेणियों में इसका नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है। उसी समय कुछ एसेट क्लास पर इसका सकारात्मक असर भी देखने को मिल सकता है। सही एसेट एलोकेशन से आप अलग-अलग समय पर सभी एसेट से फायदा हासिल कर पाएंगे। अगर इसे दूसरे शब्दों में कहें तो यह बाजार के पूरे चक्र के दौरान फायदे को बढ़ाता है और घाटे को कम करता है।
जोखिम को कम करता है
संभवतः यह बिल्कुल सही तरीके से किए गए एसेट एलोकेशन का सबसे बड़ा फायदा होता है। यह जोखिम को कम कर देता है। उदाहरण के लिए पोर्टफोलियो में उचित मात्रा में डेट होने से आप उतार-चढ़ाव से बच जाते हैं। इसी तरह इक्विटी में उपयुक्त निवेश से आपको लंबी अवधि में मुद्रास्फीति को पीछे छोड़ने वाला रिटर्न मिल जाता है। इससे जरूरी फंड के कम पड़ जाने का जोखिम नहीं रह जाता है।
सही एसेट एलोकेशन का निर्धारण कैसे करें?
अब आपको एसेट एलोकेशन के महत्व का पता चल गया है। अब सवाल यह है कि सही एलोकेशन का निर्धारण कैसे किया जाता है? इसके लिए आपको इन बातों का रखना चाहिए ध्यानः
जीवन के लक्ष्यों के प्रति रखिए समग्र दृष्टिकोण
अपने जीवन के सभी लक्ष्यों पर समग्र दृष्टि रखने से आपको अपनी जरूरत के हिसाब से एसेट श्रेणी की पहचान में मदद मिलती है। हॉलीडे मनाने या कार/मकान के डाउन पेमेंट जैसे कम अवधि के लक्ष्यों के लिए आप फिक्स्ड डिपॉजिट या लिक्विड फंड्स में निवेश कर सकते हैं। बच्चों की शिक्षा या अपने रिटायरमेंट के लिए आप इक्विटी में निवेश कर सकते हैं।
अपनी जोखिम वहन करने की क्षमता को पहचानें
यह एक अन्य महत्वपूर्ण चीज है, जिस पर गौर करने की जरूरत होती है। अपनी जोखिम वहन करने क्षमता से आपको निवेश के लिए सही इंस्ट्रुमेंट तय करने में मदद मिलती है। अगर आपकी जोखिम लेने की क्षमता अधिक है तो आपके पोर्टफोलियो में इक्विटी की हिस्सेदारी थोड़ी अधिक होगी। दूसरी ओर, अगर इसकी गुंजाइश थोड़ा या ज्यादा कम है तो आप इक्विटी और डेट के मिश्रण वाले हाइब्रिड प्रोडक्ट्स पर दांव लगा सकते हैं।
निष्कर्ष
सोच-समझकर किए गए एसेट एलोकेशन से आपको बाजार को अच्छे तरीके से नेविगेट करने में मदद मिलती है और आपकी वित्तीय स्थिति काफी मजबूत रहती है। इससे आपको उतार-चढ़ाव के समय में भी निवेश पर फायदा बनाने में मदद मिलती है।