जानिए कैसे यूज करना हैं डिजिटल रुपये का इस्तेमाल

Update: 2022-12-01 12:02 GMT

मुंबई: RBI के डिजिटल रुपये (digital rupee) का इस्तेमाल आज से (1 दिसंबर ) शुरू हो गया है। शुरुआत में इसका इस्तेमाल सिर्फ चार बड़े शहरों में हो रहा है। धीरे-धीरे दूसरे शहरों को भी इसके दायरे में लाया जाएगा। आरबीआई ने इसके लॉन्च से पहले इसके बारे में कई जानकारियां दी हैं। उसने लोगों को इसके बारे में जागरूक बनाने की कोशिश की है। डिजिटल करेंसी के इस पायलट प्रोजेक्ट में 8 बैंकों को शामिल किया गया है। ये बैंक यूजर को वॉलेट (Wallet) बनाने की सुविधा देंगे। इस वॉलेट में e₹-R के डिजिटल टोकंस होंगे, जिनका इस्तेमाल पेमेंट के लिए किया जा सकता है। कोई यूजर दुकान पर लगे क्यूआर कोड की मदद से पेमेंट कर सकता है।

क्या आपके भी मन में सवाल है?

चूंकि, पहली बार डिजिटल करेंसी (Digital Currency) आई है, जिससे इसे लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। कुछ लोगों के मन में इसकी सुरक्षा को लेकर सवाल हैं तो कुछ इसे ज्यादा टेक्निकल मान रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पेमेंट के लिए आज जिस तरह से यूपीआई का इस्तेमाल हो रहा है, वहां तक पहुंचने में कई साल लगे हैं। इसी तरह धीरे-धीरे डिजिटल करेंसी भी लोगों के बीच लोकप्रिय बन जाएगी।

डिजिटल रुपये को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) कहा गया है। इससे साफ है कि इसे RBI की तरह से जारी किया गया है। यह उसी तरह से सुरक्षित है, जिस तरह से 100, 200 और 500 रुपये के नोट सुरक्षित हैं। आपको यह समझना होगा कि यह कैश का इलेक्ट्रॉनिक वर्जन है। इसका मतलब है कि 10, 50, 100 या बड़े मूल्य के कागजी नोट की जगह अब आपके पास डिजिटल करेंसी का भी विकल्प होगा। करेंसी नोट की तरह आप डिजिटल रुपये को छू नहीं सकते। लेकिन, यह वॉलेट में दिखाई देगा। इसे आप करेंसी नोट की तरह जेब या पर्स में नहीं रख सकते। इसे सिर्फ खास वॉलेट में रखा जा सकता है।

कैसे करता है काम?

CBDC के डिस्ट्रिब्यूशन के लिए टू-टीयर मॉडल बनाया गया है। e₹-R को इश्यू और रिडीम करने का काम RBI करेगा, जबकि इसके डिस्ट्रिब्यूशन और पेमेंट से जुड़ी सेवाएं प्रदान करने की जिम्मेदारी बैंकों को दी गई है। यह मॉडल उसी तरह से काम करता है, जिस तरह से फिजिकल करेंसी का मॉडल काम करता है। आठ बैंकों को इसके लिए चुना गया है। पहले चरण में सिर्फ चार बैंकों को शामिल किया गया है। इनमें SBI, ICICI Bank, Yes Bank और IDFC Bank शामिल हैं। दूसरे चरण में Bank of Baroda, Union Bank of India, HDFC Bank और Kotak Mahindra Bank को इसके डिस्ट्रिब्यूशन और सर्विसेज में शामिल किया जाएगा।

UPI की तरह क्यूआर कोड से कर सकेंगे पेमेंट: पहले चरण में मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में डिजिटल रुपया शुरू किया गया है। दूसरे चरण में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, पटना और शिमला को इसके दायरे में लाया जाएगा। अभी पहले चरण में शामिल शहरों के लोग Closed User Group (CUG) में डिजिटल रुपये का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस सीयूजी में कस्टमर्स और मर्चेंट्स दोनों शामिल हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि डिजिटल करेंसी इस्तेमाल करने का मकसद इकोनॉमी को डिजिटल बनाना है।

क्या हैं इसके फायदें?

जब देश के ज्यादातर हिस्सों में डिजिटल करेंसी लॉन्च हो जाएगी तो आपको जेब में करेंसी नोट या कॉइंस रखने की जरूरत नहीं रह जाएगी। सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि करेंसी नोट की तरह इसके फटने, पानी में धुलने या खोने का डर नहीं होगा। इस वजह से इसे इस्तेमाल करना ज्यादा सुरक्षित होगा। आपको नए इलाके में करेंसी नोट निकालने के लिए एटीएम की तलाश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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